कड़ाके की सर्दी में गुड़-बाजरा सेहतमंद
जागरण संवाददाता इटावा कड़ाके की सर्दी में कोल्ड अटैक से बचाव को गुड़ और बाजरा का
जागरण संवाददाता, इटावा : कड़ाके की सर्दी में कोल्ड अटैक से बचाव को गुड़ और बाजरा का सेवन करना काफी गुणकारी है। इसके अलावा अन्य सावधानियां बरतकर सर्दी से बचाव करने में ही समझदारी है।
कृषि विज्ञान केंद्र की गृह वैज्ञानिक सुनीता मिश्रा ने बताया कि कोल्ड अटैक से बचाव जरुरी है। इसके लिए रहन-सहन के साथ खानपान पर विशेष ध्यान देना होता है। शरीर में भरपूर ऊर्जा के रूप में लौह तत्व भरपूर रहना बहुत जरूरी है। पर्याप्त गुणकारी ऊर्जा पाने के लिए गुड़ और बाजरा के अलावा हरी सब्जियों में मैथी, बथुआ और पालक तथा ड्राई फ्रूट्स के रूप में बादाम, अखरोट, छुआरा आदि का सेवन करें।
वृद्ध और बच्चों पर दें ध्यान
कोल्ड अटैक से बचने को विस्तरों में ही नहीं अपितु कमरों में भी नमी नहीं रहने दें। धूप न मिलने पर अन्य किसी माध्यम से नमी को दूर करें। बृद्ध और बच्चों की ओर विशेष ध्यान दें। गर्म कपड़ों से उनका शरीर ढका रहे। नमीयुक्त स्थल से दूर रखें। गर्म कपड़े से इस तरह पहनाए जिससे छाती कसी रहे ताकि फेफड़े सर्दी से जकड़े नहीं। इसी तरह स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी सर्दी से बचाव करना चाहिए ताकि शिशु कोल्ड अटैक का शिकार न बने।
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पाला पड़ने की आशंका, करें बचाव
जागरण संवाददाता, इटावा : मौसम में थोड़े-थोड़े अंतराल पर जिस तरह बदलाव हो रहे हैं, उससे कड़ाके की सर्दी के दौर में पाला पड़ने की आशंका को सहजता से नकारा नहीं जा सकता है। इसके लिए सभी किसान सजगता बरतते हुए बचाव के उपाय करें।
कृषि मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय का कहना है कि पाला से बचाव करने के लिए दिन में सिचाई करें। पाला की आशंका होने पर फसलों पर घुलनशील गंधक 80 प्रतिशत डब्लू-पी का दो से ढाई ग्राम प्रति लीटर की दर से पानी में घोल बनाकर डेढ़ से दो सौ लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ के हिसाब से फसलों पर छिड़काव करें। नर्सरी के पौधों को प्लास्टिक की चादर से ढककर बचाएं। एक से दो साल के पौधों को पुआल, घास-फूंस आदि से ढककर सुरक्षित रखें। जिन किसानों का क्षेत्रफल कम हो वे रात में धुंआ करके पाला से बचाव करें। इसी तरह पशुओं को सुरक्षित रखने के उपाय करें। रात के तीसरे और चौथे प्रहर में खेतों में भ्रमण न करें।
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मौसम के बदले रुख से पाला की आशंका
संवादसूत्र, महेवा : कोहरे की सफेद चादर सुबह छा गई। पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे जिससे अधिकतर लोग रजाई में दुबके रहे। चहल-पहल वाले स्थानों पर लोग अलाव तापते दिखे। मौसम के बदले रुख से पाला की आशंका ने किसानों की मुश्किलों को बढ़ाने का कार्य किया है आलू की फसल में झुलसा रोग की संभावना बढ़ी है इसका असर पैदावार पर पड़ेगा ।और कुछ सब्जियों की फसलों पर प्रभाव पड़ने के आसार है। इन दिनों मटर आलू सरसों जैसी फसलों को झुलसा रोग से सबसे ज्यादा अधिक नुकसान की आशंका रहती है। एडीओ कृषि राजेश चौबे ने बताया कि किसान इस समय सही तकनीकी अपनाकर फसलों को बचा सकते हैं। पपीता आम के छोटे पेड़ को टाट की पल्ली पुआल से ढके हल्का धुंआ कर फसलों को बचाया जा सकता है।