प्याज-लहसुन के बढ़े दाम बिगाड़ रहे जायका
याज लहसुन की महंगाई से आम लोग परेशान हैं जबकि हकीकत यह है कि थोक भाव इतने ज्यादा नहीं है कि आम आदमी उसे झेल न सके। मंहगाई फुटकर बिक्री में ज्यादा है जो थोक भाव से दो-ढाई गुना अधिक कीमत पर बिक्री कर रहे हैं। इससे हाय-तौबा मची हुई है।
जागरण संवाददाता, इटावा : प्याज लहसुन की महंगाई से आम लोग परेशान हैं, जबकि हकीकत यह है कि थोक भाव इतने ज्यादा नहीं है कि आम आदमी उसे झेल न सके। मंहगाई फुटकर बिक्री में ज्यादा है जो थोक भाव से दो-ढाई गुना अधिक कीमत पर बिक्री कर रहे हैं। इससे हाय-तौबा मची हुई है।
महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश में बेतहाशा बारिश होने से प्याज की फसल प्रभावित हो गई। इससे वहां प्याज की महंगाई हो गई। माह सितंबर से अभी तक वहां से यहां प्याज 28 से 45 रुपये प्रति किलो के हिसाब से थोक में आ रहा है लेकिन फुटकर बिक्री 60 से 80 रुपये के मध्य हुई। मंडी सचिव आशीष यादव तथा वरिष्ठ लिपिक प्रदीप त्रिपाठी ने बताया कि बीते 22 सितंबर से 28 नवंबर तक 1242 किलो प्याज मंडी गेट के समीप स्थित गेट पास काउंटर पर नो प्रोफिट-नो लॉस के आधार पर 28 से 45 रुपये प्रति किलो बेची जा चुकी है। यह काउंटर दर सामान्य होने तक निरंतर सुबह 10 से शाम 5 बजे तक खुला रहता है। पंजाब में लहसुन की मांग मंडी के वरिष्ठ लिपिक प्रदीप त्रिपाठी ने बताया लहसुन का इस जनपद में काफी उत्पादन होता है। इस साल पंजाब में यहां के लहसुन की मांग हो रही है। इससे लहसुन की क्वालिटी के अनुरूप भाव 6 से 10 हजार रुपये प्रति क्विटल की दर थोक भाव में है लेकिन फुटकर में 150 से 200 रुपये प्रति क्विटल बेचा जा रहा है। इससे लहसुन और प्याज की महंगाई से आम जनता परेशान है।