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मूलभूत सुविधाओं के अभाव में कोकपुरा

जागरण संवाददाता, इटावा : नगर की सीमा पर बसी कोकपुरा बस्ती के लोग बुनियादी सुविधा के अभाव म

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 11:16 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 11:16 PM (IST)
मूलभूत सुविधाओं के अभाव में कोकपुरा
मूलभूत सुविधाओं के अभाव में कोकपुरा

जागरण संवाददाता, इटावा : नगर की सीमा पर बसी कोकपुरा बस्ती के लोग बुनियादी सुविधा के अभाव में नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। जिला ओडीएफ हो जाने के बाद भी इस बस्ती में शौचालयों का बेहद अभाव देखा जा रहा है। सोचने की बात यह है कि बस्ती के लोग हाइवे के किनारे ही शौच जाने को मजबूर हैं। बस्ती से जुड़ी इस जगह पर अपार गंदगी देखी जा सकती है। इस गंदगी के पास पलभर के लिए भी खड़ा रहना संभव नहीं है, बाबजूद इसके लोग अपने घरों में रह कर नारकीय जीवन बिता रहे हैं। मोहल्ले का नाम -- कोकपुरा शाला

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आबादी - तकरीबन 8 हजार मोहल्ले का इतिहास

कोकपुरा बस्ती मेहनतकश मजदूरों, गरीबों, असहाय लोगों तथा मजदूरी करने वालों की बस्ती है। इस बस्ती में अधिकांश परिवार बाहर से आकर बस गये हैं। रोजी-रोटी कमाने के लिए आकर बसने वाले परिवारों को नगर पालिका ने अपने वार्ड में शामिल तो कर लिया लेकिन सुविधाएं मुहैया नहीं हो पा रही हैं। जो सुविधाएं हैं उन्हें ऊंट के मुंह में जीरा से अधिक कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। मोहल्ले की प्रमुख समस्याएं -मोहल्ले में शौचालयों का अभाव

-बस्ती की सड़कें भी हो गईं जर्जर

-सफाई के अभाव में गंदगी के ढेर

-स्ट्रीट लाइट कम लगी हैं

-बस्ती के बाहर फैली गंदगी गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं - बस्ती के लोगों को इतनी गंदी जगह में शौच को जाना पड़ता है कि वहां पर खड़ा रहना भी मुश्किल होता है। नगर पालिका ने एक सचल शौचालय वाहन खड़ा करा रखा है, जो अपर्याप्त है। महिलाओं व पुरुषों के साथ दिव्यांग व वृद्धों को भी खुले में शौच जाना पड़ता है। -बच्ची लाल - कोकपुरा में बुनियादी सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। शौचालय के अभाव में मटर गोदाम के पास पिछले माह के अंत में सुबह चार बजे शौच को आए एक युवक को गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया गया था। इसके बाद भी पालिका प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। -मलखान ¨सह कोकपुरा बस्ती की उपेक्षा की जाती है। इस बस्ती में गंदगी का साम्राज्य देखा जा सकता है। कई बार अधिकारियों को शिकायती पत्र दिए, लेकिन अभी तक कोई कारगर कदम नहीं उठाए गये। -डा. एलआर यादव मोहल्ले की बहन बेटियों को बस्ती के बाहर हाइवे किनारे शौच करते समय शर्मसार होना पड़ता है। यहां सफाई कर्मी भी नहीं आते हैं, इसलिए गंदगी के ढेर बीमारी बांट रहे हैं। कई घरों में मरीजों की चारपाईयां महज इसीलिए बिछी हुई हैं। -रुबी कुमारी जिम्मेदार बोले कोकपुरा के लोगों को खुले में शौच से रोकने के लिए सचल शौचालय वाहन खड़ा करा दिया है। घर में शौचालय के लिए पहली किस्त दी जा चुकी है। लोग पैसा लेकर भी शौचालय नहीं बना रहे हैं। उनकी शिकायतें बेबुनियाद हैं। -अनिल कुमार ,ईओ नगर पालिका परिषद


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