हैलो पापा, मम्मी का ख्याल रखना
संवाद सहयोगी, भरथना (इटावा) : हैलो पापा, मम्मी का ख्याल रखना..मम्मी को दवाई दिलवाकर ले आना.
संवाद सहयोगी, भरथना (इटावा) : हैलो पापा, मम्मी का ख्याल रखना..मम्मी को दवाई दिलवाकर ले आना..। 13 साल के रजत ने पिता हरगो¨वद तिवारी से मोबाइल पर अंतिम बार बातचीत में ऐसे ही हालचाल लिया था। हरगो¨वद कैंसर पीड़ित पत्नी ममता तिवारी को जब भी लखनऊ लेकर जाते तब रजत दो-तीन बार उनको काल करके हालचाल लेता था। सोमवार को फांसी पर लटकने से पहले उसने पहली बार मां से भी बात कर हालचाल पूछा था।
ममता तिवारी वर्ष 2013 से कैंसर रोग से पीड़ित हैं। लखनऊ से पहले उनका दिल्ली में इलाज चलता रहा था। सहायक अध्यापक रहे हरगो¨वद तिवारी सोमवार की सुबह लखनऊ के लिए ममता के साथ निकल गए थे। रजत ने पहली बार अपराह्न करीब तीन बजे काल करके हालचाल पूछा था। इसके बाद शाम सात बजे अंतिम बार काल करके हालचाल लिया था। लेकिन तब रजत ने अपने अगले आत्मघाती कदम का अहसास भी नहीं होने दिया था। इससे पहले रजत की दिनचर्या सामान्य रही थी। सातवीं का छात्र रजत रोजाना की तरह ज्ञान स्थली एकेडमी गया था। तय वक्त पर घर लौटा और गांव में दोस्तों संग घूमा-फिरा खेला। इसके बाद गांव में अखंड रामायण के समापन पर आयोजित भोज में शरीक हुआ। वहां से लौटने के बाद ही उसने पहले मम्मी-पापा के नाम सुसाइड नोट लिखा और मोबाइल पर अंतिम बातचीत के बाद पंखे से लटक गया।
इन दिनों चल रही त्रैमासिक परीक्षाओं से पहले स्कूल में हुए टेस्ट के दौरान रजत टाइफाइड से पीड़ित रहा था। तब पांच दिन अनुपस्थित हो जाने से पांच विषयों में फेल हो गया था। उसने सुसाइड नोट में त्रैमासिक परीक्षाओं में कम नंबर आने की आशंका जाहिर की थी। हरगो¨वद के दो पुत्रों में रजत छोटा था। बड़ा पुत्र शिवम तिवारी बीए करने के बाद कंप्यूटर कोर्स कर रहा है।
बिल्लू की तर्ज पर की खुदकुशी
मल्होसी गांव में एक वर्ष पहले बिल्लू तिवारी ने जिस अंदाज में खुदकुशी की थी। वही तरीका रजत ने अपनाया। रजत के घर के पास ही रहने वाले 40 वर्षीय बिल्लू ने खुदकुशी करने से पहले सुसाइड नोट लिखा था। तब रजत भी परिजन संग मौके पर बिल्लू को देखने पहुंचा था। खुदकुशी का वह ²श्य रजत के मस्तिष्क पटल पर अंकित हो गया था। उसने तख्त पर चढ़कर पंखे में फंदा डालने के साथ ही खिसकाने के लिए तसला रखा था।