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हैंडपंप खराब,मेटीनेंस पर हो रहे लाखों खर्च

जल ही जीवन है की तर्ज पर जहां एक ओर सरकार ने बड़े संस्थानों पर भीड़-भाड़ वाले इलाकों में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के आदेश दिये हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 10:01 PM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 06:21 AM (IST)
हैंडपंप खराब,मेटीनेंस पर हो रहे लाखों खर्च
हैंडपंप खराब,मेटीनेंस पर हो रहे लाखों खर्च

संवाद सहयोगी, सैफई : जल ही जीवन है की तर्ज पर जहां एक ओर सरकार ने बड़े संस्थानों पर भीड़-भाड़ वाले इलाकों में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के आदेश दिये हैं। इसके बाद भी मेडिकल यूनिवर्सिटी में भादों के महीने की प्रचंड गर्मी के इस दौर में इलाज के लिये आने वाले हजारों मरीजों के साथ ही उनके तीमारदारों के लिये पीने के पानी का कोई इंतजाम नहीं कराया गया है। परिणाम स्वरूप तीमारदारों को भारी कठिनाइयों से जूझना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में मेंटीनेंस कार्यदायी संस्था पर इन सब बातों का कोई असर नहीं पड़ रहा है और इसीलिये शायद इस समस्या के निदान की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मालूम हो कि मौजूदा समय में प्रशासन की ओर से दर्जन भर से अधिक इंडिया मार्का हैंडपंप लगवाये गये थे जो कि इस समय खराब पड़े हुये हैं। तीमारदार उन पर अपने कपड़े सुखा रहे हैं। इतना ही नहीं यहां पर वाटरकूल भी लगे हैं लेकिन अधिकांश वाटरकूलर बंद पड़े हुए हैं। मरीजों के तीमारदार अस्पताल के बाहर लगी दुकानों से पानी लाने को विवश हो रहे हैं। इन स्थितियों के बाद भी विश्व विद्यालय प्रबंधन उदासीन बना हुआ है। बताया गया है कि मेंटीनेंस करने वाली संस्था को साल भर में लाखों रुपये बजट के रूप में दिया जाता है परंतु इसके बावजूद भी लापरवाही बरती जा रही है। ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कब कार्रवाई होगी इसका जवाब देने को कोई तैयार नहीं है। रोजाना चार हजार मरीज व तीमारदार आते हैं दैनिक जागरण की टीम ने यूनिवर्सिटी कैंपस में पड़ताल की तो पांच जगह लगे इंडिया मार्का हैंडपंप खराब मिले। यहां पर यह देखा जाना दिलचस्प है कि मेडिकल यूनिवर्सिटी में हर रोज तीन से चार हजार मरीज व तीमारदारों का आना जाना रहता है। इसके अलावा हर रोज इलाज के दौरान मौतें होने पर उनको शव गृह में रखा जाता है। शव गृह के पास में लगा हैंडपंप कई दिनों से खराब पड़ा हुआ है। इसके अलावा पुरानी बिल्डिग से इमरजेंसी की तरफ जाने वाले रास्ते पर हैंडपंप भी खराब पड़ा हुआ है। ट्रामा सेंटर की तरफ जाने वाले रास्ते पर लगे हैंडपंप पर मरीज कपड़े सुखाते नजर आए। यह भी कई दिनों से खराब पड़ा हुआ है। ओपीडी की तरफ साईं मंदिर को जाने वाले रास्ते पर नल में हत्था ही गायब था। मेडिकल यूनिवर्सिटी में हैंडपंप राजकीय निर्माण निगम द्वारा लगवाये गये थे। मेंटीनेंस की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। उनसे पत्राचार किया जायेगा।

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जयशंकर प्रसाद

वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी


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