किसानों का पलायन, बंद रहीं दुकानें
संवादसूत्र, ऊसराहार : ताखा के समथर में ग्रामीणों द्वारा आवारा पशुओं को सरकारी स्कूल में
संवादसूत्र, ऊसराहार : ताखा के समथर में ग्रामीणों द्वारा आवारा पशुओं को सरकारी स्कूल में बंद करने के मामले में दर्ज हुए मुकदमा को लेकर किसानों में दहशत का माहौल है। किसानों के कई परिवार पुलिस के डर से मुकदमा दर्ज होने के बाद पलायन कर गये हैं वहीं ज्यादातर घरों से युवक गायब हो गये हैं। समथर बाजार में भी ज्यादातर दुकानें बंद रही हैं वहीं पुलिस ने दो किसानों को दर्ज मुकदमा में जेल भेज दिया है। थाना ऊसराहार क्षेत्र के गांव समथर और आसपास के गांवों के सैकड़ों किसानों द्वारा फसलों के चरने से तबाह हो रही फसलों को बचाने के लिए आवारा पशुओं को प्राथमिक विद्यालय समथर में बंद कर दिया था जिसके बाद मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी ताखा सत्यप्रकाश द्वारा तीन चार दिन में आवारा पशुओं को गोशालाओं में भेजने के आश्वासन पर किसान माने थे। इसके बाद प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक मोहम्मद रफीक की तहरीर पर एक नामजद सहित अस्सी अज्ञात लोगों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आशीष अग्निहोत्री पुत्र प्रेमनारायण और नसरुद्दीन को जेल भेज दिया है, वहीं पुलिस की कार्रवाई के खौफ से आसपास के सभी गांवों से ज्यादातर युवाओं ने पलायन कर दिया है। कई परिवार दिल्ली आदि स्थानों पर चले गए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है और आवारा पशुओं को गोशालाओं में पहुंचाने की जगह उन्हें ही जेल पहुंचाने का आरोप लगाया है। थानाध्यक्ष ऊसराहार योगेन्द्र शर्मा ने बताया कि वीडियोग्राफी के आधार पर सबूत एकत्रित कर कार्रवाई की जा रही है शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। फसलों को बचाने के अभी तक कोई इंतजाम नहीं आवारा जानवरों से किसानों की फसलों को बचाने के लिए प्रशासन अभी तक कोई कारगर उपाय नहीं कर सका है बल्कि उन्हें ही आरोपी बनाकर जेल भेजा जा रहा है। जबकि ताखा में गोचरा की दस हजार बीघा जमीन को आज भी दबंगों से मुक्त नहीं कराया जा पाया है। गोवंश के लिए आरक्षित भूमि पर आज भी दबंग कब्जा किये हुए हैं। यहीं नहीं ताखा क्षेत्र में एक भी गोशाला का निर्माण नहीं किया गया है। सर्दी की रातों में रात-रात भर जागकर किसान अपनी फसलों की रक्षा कर रहे हैं। वहीं प्रशासन नगला बल ¨सह में प्रस्तावित गोशाला की धनराशि के महीनों पहले स्वीकृति के बाद भी कार्य तक शुरू नहीं कर सका है। किसानों ने आवारा जानवरों से नष्ट हुयी फसल के मुआवजे की मांग की है।