आइटीआइ छात्रों के लिए बढ़ गए रोजगार के अवसर
जागरण संवाददाता, इटावा : शासन ने सभी आइटीआइ (राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) को अब एनसीव
जागरण संवाददाता, इटावा : शासन ने सभी आइटीआइ (राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) को अब एनसीवीटी (नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रे¨नग) के अधीन कर दिया है। इससे आइटीआइ छात्रों के लिए रोजगार के अवसर और अधिक बढ़ जाएंगे। जनपद में छह आइटीआइ ट्रेड सृजन के समय से ही एससीवीटी (स्टेट काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रे¨नग) में संचालित हो रही थीं। जिससे इन संस्थानों में अभी तक एससीबीटी से मान्यता लेकर डिप्लोमा धारक सिर्फ प्राइवेट संस्थानों में ही नौकरी कर पाते थे। मगर अब 12 ट्रेडस को भी एनसीवीटी द्वारा मान्यता मिल जाने से प्रमाण पत्र होल्डरों के लिए सरकारी नौकरियों की राह भी आसान हो जाएगी। जनपद में तहसील स्तर पर आइटीआइ की स्थापना की गई है। इनमें इटावा सैफई, जसवंतनगर, चकरनगर, साम्हों, ताखा में आईटीआई संचालित है। इसमें ताखा आईटीआई का भवन निर्माणधीन हैं, ऐसे में उनका संचालन जनपद इटावा से ही होता है। सभी आइटीआइ में कुल 102 यूनिट में से अभी तक सिर्फ 27 यूनिट अर्थात 15 ट्रेड ही एनसीवीटी से संबद्ध थे। अब 12 ट्रेड को भी एनसीवीटी की मान्यता मिलने से इन ट्रेड के छात्र-छात्राएं पढ़ाई करने के बाद कोई भी सरकारी नौकरी कर सकते हैं। आईटीआई प्रधानाचार्य पीके शाक्यवार के एक वर्ष से लगातार प्रयास के फलस्वरूप हाल ही में आइटीआइ इटावा की शाखाओं में कुल 58 यूनिटों को एनसीवीटी से संबद्ध करने का प्रमाण पत्र हासिल हो गया है। सरकारी नौकरियों में आवदेन के अवसर बढ़े
एससीवीटी की मान्यता स्टेट या स्टेट लेबल की नौकरियों तक ही सीमित है। प्रदेश के बाहर व रेलवे आदि सेवाओं में इस प्रमाण पत्र का कोई महत्व नहीं है। लेकिन अब सभी आइटीआइ कॉलेज एनसीवीटी के तहत संचालित होने पर प्रमाण पत्र का महत्व बढ़ जाएगा। जिससे छात्रों को नौकरियों में आवेदन के अवसर भी बढ़ेंगे। 310 लाभार्थियों को मिला जॉब
प्रत्येक वर्ष 21 ट्रेडों में छात्र-छात्राएं प्रवेश लेते हैं, इनमें से लगभग 65 प्रतिशत को संस्थान से ही सेवायोजित कराया जाता है। वर्ष 2018-19 में 310 लाभार्थियों को सेवायोजित कराया जा चुका है। संस्थानों से सालाना करीब 2000 छात्र-छात्राएं पास आउट होते हैं। इन्हें अब सरकारी नौकरी में भी आवेदन करने का मौका मिलेगा।
सालाना 2650 छात्र लेते दाखिला
आइटीआइ के प्रधानाचार्य पीके शाक्यवार ने बताया कि ट्रेड में 42 छात्र-छात्राओं की सीट होती है। इसका मतलब एक यूनिट में बीस छात्र-छात्राएं। इस प्रकार सभी आइटीआइ में तकरीबन 2650 छात्र प्रत्येक वर्ष प्रवेश लेते हैं। उन्होंने बताया कि करीब 20-25 प्रतिशत बच्चे किन्ही कारणों से आइटीआइ छोड़ देते हैं या फिर फेल होने के कारण नहीं आते।