गांव में बिजली तो पहुंची परंतु मीटर से कनेक्शन नहीं हो सके
जागरण संवाददाता इटावा केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना सौभाग्य हर घर बिजली योजना
जागरण संवाददाता, इटावा : केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना सौभाग्य हर घर बिजली योजना को कार्यदाई ठेकेदार ही पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। समय पर योजना पर काम न करने पर विभाग द्वारा संबंधित ठेका कंपनी को काली सूची में डालने की बात तो की जा रही थी, लेकिन विद्युत अधिकारी ऐसा नहीं कर सके। इसके चलते अनेक गांवों के लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। गांवों में खंभे गाड़कर बिजली तो पहुंचा दी गई लेकिन बिजली से घरों के कनेक्शन ही नहीं किए गए।
केंद्र सरकार की इस योजना का हाल यह है कि आज भी दर्जनों गांव सौभाग्य योजना से संतृत्प नहीं हो सके हैं। क्योंकि संबंधित ठेका कंपनी अपनी मनमानी से काम कर रही है। हालत यह है कि ठेकेदार उपभोक्ताओं के मकानों में मीटर टांग कर चले जाते हैं, जबकि उनको विद्युत कनेक्शन से कोई लेना देना नहीं होता है। जबकि इस योजना के तहत दिए जाने वाले कनेक्शन में पीवीसी पाइप, लोहे का पाइप, लकड़ी का बोर्ड, चटकनी के साथ एक एलईडी बल्ब दिया जाना होता है। इस योजना को पूरा करने के लिए 72 हजार घरों तक बिजली पहुंचाना था लेकिन अभी तक 52 हजार घरों में काम पूरा किया गया है। बताते चलें कि केंद्र सरकार के द्वारा एक कनेक्शन के बदले काम करने वाली कंपनी को चार हजार रुपया दिया जा रहा है। इन गांवों का हाल-बेहाल
भरथना क्षेत्र के ग्राम सरैया, नगला अंते, भींगूपुरा, सलेमपुरा, बहादुरपुरा, उमरसेंड़ा, बसरेहर ब्लाक के ग्राम बहादुरपुर लुहिया, चौबिया, परौली रमाइन में बिना बिजली चालू किए ही कागजों में काम पूरा दिखा दिया गया। गांव निवासी ममता, सतेन्द्र, गोविन्द्र कुमार, मंजूश्री ने बताया कि योजना के तहत काम पूरा नहीं किया गया है और ठेकेदार द्वारा धन की वसूली की गई है। उन्होंने बताया कि घरों के आगे मीटर लटका दिए गए लेकिन लाइन को चालू नहीं किया गया। मामले की शिकायत अधिकारियों से की गई परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई। ठेकेदार के खिलाफ अधिकारी कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं। सौभाग्य योजना के तहत शतप्रतिशत गांवों में बिजली की लाइन पहुंचा दी गई है। कहीं कोई गड़बड़ी अथवा शिकायत है तो इसकी जांच करा ली जाएगी।-एसके शर्मा, अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मंडल योजना एक नजर में
कुल लागत : 122.38 करोड़
ग्रामों की संख्या : 490
मजरों की संख्या : 1761
बिछाई गई लाइन : 1049 किमी