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सूचना अधिकार अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए

जागरण संवाददाता, इटावा : सूचना अधिकार अधिनियम 2005 एवं सूचना का अधिकार नियमावली 2015 का प्रभ

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Jan 2018 03:01 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jan 2018 03:01 AM (IST)
सूचना अधिकार अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए
सूचना अधिकार अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए

जागरण संवाददाता, इटावा : सूचना अधिकार अधिनियम 2005 एवं सूचना का अधिकार नियमावली 2015 का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए, वादी द्वारा मांगी गयी सूचनाओं का रजिस्टर बनाया जाए उसमें प्रार्थना पत्रों का विधिवत अंकन किया जाए, वादी को निर्धारित समय सीमा के अ‌र्न्तगत सूचनाएं प्रत्येक दशा में उपलब्ध करायी जाएं। निर्धारित समयावधि में सूचना न देने वाले जन सूचना अधिकारी दंड के भागीदार होंगे। अन्य विभागों से संबंधित आवेदन पत्रों को 5 दिन के अंदर संबंधित विभाग को अंतरण किया जाए उसकी सूचना वादी को दी जाए, अन्तरण की सूचना का अंकन रजिस्टर के प्रारूप-3 में किया जाए, न्यायालय की अवमानना, भारत की सुरक्षा, अखंडता तथा हितों पर प्रभाव पड़े, सांसद, राज्य विधान मंडल के विशेषाधिकारों का हनन हो, वाणिज्यिक विश्वास, व्यापार गोपनीयता से संबंधित हो जिससे विपरीत प्रभाव पड़े ऐसी सूचनाएं उपलब्ध नहीं करायी जा सकती हैं। किसी अन्य व्यक्ति की सूचना मांगे जाने पर जनहित वाली सूचना दी जाए।

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यह बात राज्य सूचना आयुक्त विजय शंकर शर्मा ने विकास भवन के नवीन सभागार में जनपद स्तरीय जन सूचना अधिकारियों व प्रथम अपीलीय अधिकारियों को जनसूचना अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु प्रशिक्षण के दौरान कही। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया।

उन्होंने जन सूचना अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जो सूचनाएं कार्यालय में उपलब्ध हों उसकी प्रति को प्रमाणित कर वादी को सूचना दी जाएगी, जो कई बड़ी सूचनाएं हों उनको सीडी में दिया जाए। इस हेतु वादी से 50 रुपये शुल्क निर्धारित कर लिया जाये, ए-4 साइज के कागज पर 2 रुपये प्रति पेज के हिसाब से लिया जाएगा तथा बीपीएल की श्रेणी में आने वाले लोगों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। सूचनाएं पेन ड्राइव में न दी जाएं।

सूचना आयुक्त ने कहा कि अगर समय पर सूचना उपलब्ध नहीं कराई जाती तो संबंधित जनसूचना अधिकारी दंड के भागीदार होंगे। वे बिना किसी विधिक कारण के वादी के आवेदन पत्र को निरस्त नहीं करेंगे। प्रशिक्षक डा. विपिन कुमार ने बताया कि सूचना मांगे जाने पर प्रत्येक दशा में उपलब्ध कराई जाएगी। यदि किसी व्यक्ति के जीवन या उसकी स्वतंत्रता से संबंधित सूचना देनी है तो प्रार्थना पत्र प्राप्त होने के 48 घंटे के अंदर वादी को सूचना दी जानी है, इसमें किसी प्रकार का विलम्ब न किया जाए।

इस अवसर पर जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे., वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण, मुख्य विकास अधिकारी पीके श्रीवास्तव, सिटी मजिस्ट्रेट शमशाद हुसैन, ट्रेनी आइएएस कविता मीणा, अपर पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र श्रीवास्तव, परियोजना निदेशक डीआरडीए उमाकान्त त्रिपाठी मौजूद रहे। प्रशिक्षण में अधिकारियों की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई अधिकारी सोते हुए नजर आए।


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