गर्मी में खाली पेट व नंगे सिर घर से न निकलें
जागरण संवाददाता, इटावा : इस समय पड़ रही भीषण गर्मी अनेक बीमारियों का जनक बनी हुई है। यह
जागरण संवाददाता, इटावा : इस समय पड़ रही भीषण गर्मी अनेक बीमारियों का जनक बनी हुई है। यह मौसम जहां आम लोगों के लिए विशेष सतर्कता बरतने का है, वहीं बच्चों के लिए बहुत हानिकारक है। बच्चों के रहन-सहन व खानपान में लापरवाही उनके बीमारी का कारण बन रही है। बीमारी से बचने के लिए किसी भी इंसान को खाली पेट घर से नहीं निकलना चाहिए और धूप से बचने के लिए नंगे सिर नहीं घूमना चाहिए। धूप लगने पर तुरंत प्राथमिक उपचार के तौर पर ओआरएस का घोल लेना चाहिए। उसके बाद कुशल चिकित्सक से उपचार लेना चाहिए। गर्मी जनित बीमारियां व डायरिया जानलेवा बनी हुई हैं।
बीमारी के लक्ष्ण
डायरिया होने से पीड़ित की आंखें गड्ढे में चली जाती हैं। खाल सिकुड़ने लगती है। पल-पल में पतले दस्त, बदन में दर्द के साथ जीभ सूखने लगती है। लू की शिकायत होने पर पेट दर्द, तेज बुखार की शिकायत होने पर सावधान हो जाइए और अपने पास के सरकारी अस्पताल के कुशल चिकित्सक से संपर्क कर उपचार लें।
बीमारी के कारण
गर्मी के मौसम में बासी खाना खाने, प्रदूषित पानी पीने तथा नंगे बदन धूप में घूमने से बीमारी को संजीवनी मिलती है। बजार में बिकने वाले सड़े-गले व कटे फल खाने से भी बीमारी फैलती है। इन दिनों गरिष्ठ भोजन व तैलीय पदार्थों के सेवन से भी बचना चाहिए। बच्चों को धूप में रहने तथा फास्टफूड का सेवन करने से भी बीमारी को बल मिलता है। बीमारी से बचाव
डा. भीमराव आंबेडकर जिला अस्पताल के वरिष्ठ शिशुरोग विशेषज्ञ डा. बीएस अग्निहोत्री का कहना है कि जब भी घर से निकलें कुछ न कुछ खाके ही निकलें। धूप से बचने के लिए सिर को ढक कर रहें। लू अथवा डायरिया की शिकायत होने पर ओआरएस का घोल पिएं। ओआरएस घर में न होने पर एक गिलास पानी में चुटकी भर नमक व चीनी मिलाकर घोल तैयार कर लें और सेवन करें। शुद्ध पानी पिएं आरओ न हो तो पानी को गर्म करके घड़े में भर लें और उसका सेवन करें। बीमारी होने पर कुशल चिकित्सक के मार्ग दर्शन में ही उपचार लें।