स्वाइन फ्लू का अंदेशा,जिला अस्पताल सतर्क
प्रदेश के पूर्वांचल में स्वाइन फ्लू की दस्तक के साथ ही प्रदेश सरकार ने अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है। जिला अस्पताल के तृतीय तल पर 10 शैया वाला स्वाइन फ्लू वार्ड बनाया गया है। हैरत की बात यह है कि अलर्ट होने के बाद भी जिला अस्पताल में बीमारी की जांच की सुविधा नहीं है। बीमारी के लक्षण प्रतीत होने पर मरीज को जांच के लिए मेडिकल कालेज ही भेजा जाएगा।
जागरण संवाददाता, इटावा : प्रदेश के पूर्वांचल में स्वाइन फ्लू की दस्तक के साथ ही प्रदेश सरकार ने अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है। जिला अस्पताल के तृतीय तल पर 10 शैया वाला स्वाइन फ्लू वार्ड बनाया गया है। हैरत की बात यह है कि अलर्ट होने के बाद भी जिला अस्पताल में बीमारी की जांच की सुविधा नहीं है। बीमारी के लक्षण प्रतीत होने पर मरीज को जांच के लिए मेडिकल कालेज ही भेजा जाएगा। बीमारी के लक्षण लंबे समय तक खांसी व बुखार रहना तथा हाथ-पैर टूटना। डा. अजय शर्मा बताते हैं कि 3-4 दिन में मरीज की हालत खराब होने लगती है। समय रहते ही कुशल चिकित्सक से दवा लेनी चाहिए। बीमारी से बचाव - स्वाइन फ्लू वाले मरीज से दूर रहना चाहिए
- एक दूसरे के संपर्क में आने से बीमारी का खतरा रहता है
- संपर्क में आते ही बीमारी का वायरस दूसरे में पहुंच जाता है
- मास्क का प्रयोग ही बचाव है
- वैश्यावृति से दूर रहना चाहिए
- लक्षण होते ही कुशल चिकित्सक से उपचार लेने चाहिए इटावा क्षेत्र में स्वाइन फ्लू के केस नहीं देखे जा रहे हैं। बावजूद इसके सरकार के निर्देशानुसार अस्पताल में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। दवा की व्यवस्था है। अगर इस बीमारी के लक्षण वाला कोई मरीज आता है तो उसे सबसे पहले जांच के लिए सैफई मेडिकल कालेज रेफर कराया जाएगा। डा. एसएस भदौरिया, सीएमएस