पिता की उधारी चुकाने को जमा पूंजी खर्च कर निकले देवरिया को
दीवाना आदमी को बनाती हैं रोटियां खुद नांचती हैं और नचाती हैं रोटियां। किसी फिल्मी गाने की तर्ज पर देवरिया निवासी हरेंद्र जब अपने गांव से काम की तलाश में भिवाड़ी राजस्थान गया था तो उस समय उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि लॉकडाउन कंगाल बना देगा।
जागरण संवाददाता, इटावा : देवरिया निवासी हरेंद्र जब अपने गांव से काम की तलाश में भिवाड़ी राजस्थान गया था, तो उस समय उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि लॉकडाउन कंगाल बना देगा। जितनी भी जमा पूंजी थी, जब खर्च हो गई तो पत्नी व बच्चों सहित अलवर के रास्ते पैदल ही निकल दिए। इटावा प्रशासन ने उनको रोक कर खाना पानी दिया अब घर भी बस से भेजने की व्यवस्था की जा रही है। देवरिया निवासी हरेंद्र ने बताया कि उसके पिता राममूर्ति सिंह ने बहन रोजी की शादी के लिए 10 हजार का कर्ज साहूकार से लिया था। जिसको चुकाने के लिए ही एक-एक पैसा जोड़कर एकत्र किया था लेकिन लॉकडाउन में काम बंद होने पर सारी जमा पूंजी खाने की भेंट चढ़ गई। जब पास में कुछ नहीे बचा तो पत्नी रमा बेटा सोनू को लेकर पैदल ही भिवाड़ी से अलवर के रास्ते निकल दिया। रास्ते में कई जगह मांग कर जो मिला उसी से पेट की आग शांत की। इससे पूर्व इटावा प्रशासन ने हाईवे पर रोक लिया और पंडाल में पहुंचा दिया, यहां पर भोजन पानी दिया गया। इस दौरान कुछ बसे हरियाणा से भी प्रवासियों को लेकर इटावा पहुंची जिन्हें भोजन-पानी दिया गया। तहसीलदार सदर एन राम ने बताया कि गुरुवार को तकरीबन 100 बसों के माध्यम से चार हजार प्रवासी विभिन्न शहरों के लिए भेजे गए। इस अवसर पर अधिशासी अधिकारी नगर पालिका भरथना राम आसरे कमल, आनंद श्रीवास्तव, नवल सिंह, पवन पोरवाल, मंजेश यादव मौजूद रहे।