संक्रमितों का डाटा जुटाने में लगे रात दिन
हसंक्रमितों का डाटा जुटाने में लगे रात दिन डा. बीआर आंबेडकर जिला अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ एवं वर्तमान में कोरोना प्रभारी डा. पीके गुप्ता का कहना है कि इस वैष्विक महामारी से घबराने की जरुरत नहीं है। आपने अगर सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन का विधिवत पालन किया तो कोरोना को निश्चित ही हराया जाएगा। दिन रात संक्रमितों की सेवा के साथ निगेटिव व पॉजिटिव संक्रमितों का डाटा तैयार करने में
नाम : डा. पीके गुप्ता
पद : कोरोना प्रभारी, जिला अस्पताल
डा. बीआर आंबेडकर जिला अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ एवं वर्तमान में कोरोना प्रभारी डा. पीके गुप्ता का कहना है कि इस वैष्विक महामारी से घबराने की जरुरत नहीं है। आपने अगर सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन का विधिवत पालन किया तो कोरोना को निश्चित ही हराया जाएगा। दिन रात संक्रमितों की सेवा के साथ निगेटिव व पॉजिटिव संक्रमितों का डाटा तैयार करने में जुटे रहने वाले चिकित्सक डा. गुप्ता ने बताया कि वह रात में तीन घंटे से अधिक आराम नहीं कर पाते हैं। हालत यह है कि कभी रात 11 बजे तो कभी रात 12 बजे भेजे गए नमूनों की जांच रिपोर्ट प्राप्त होती है। उनका कहना है कि मीडिया के फोन हमेशा ही घनघनाते रहते हैं। सभी को सही जानकारी देकर संतुष्ट करना होता है। उनका कहना है कि कोरोना से घबराने की जरुरत नहीं है सुरक्षा अपनाने से ही संक्रमण से बचा जा सकता है। संक्रमितों की सेवा भाव से सेवा करना ही परम कर्तव्य बन गया है। नाम: रामशरण गुप्ता
पद : समाजसेवी
फोटो : 6 समाज सेवा का लिया व्रत
कोरोना संकट से सारा देश झुलस रहा है। इतनी बड़ी आपदा से एक साथ निपटने के लिए ही समाज की सेवा का व्रत लिया है। लॉडडाउन के दौरान जो गरीब दो जून की रोटी को तरस रहे हैं उनको खाद्यान्न उपलब्ध कराने को सबसे बड़ा धर्म मानकर ही समाज सेवा में जुटे हुए हैं। अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौहान कालोनी निवासी रामशरण गुप्ता में गजब का उत्साह देखा गया है। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान शहर के विभिन्न भागों में रहने वाले गरीब प्रवासियों को जहां कच्चा भोजन का सामान दिया, वहीं मास्क व अन्य सुरक्षा के उपकरण देकर उनकी मदद की। इस दौरान उन्होंने प्रशासन द्वारा संचालित कम्युनिटी किचन को संचालित करने के लिए भी नकद सहायता राशि भेंट की। उनका कहना है कि आपात काल के दौर में वह निराश्रितों के साथ हैं और रहेंगे। नाम : राकेश वाजपेयी
पद : एएसआई ट्रेफिक पुलिस फोटो : 7 बीते तीन महीने से कोरोना संक्रमित लोगों की जान बचाने तथा लॉकडाउन का पालन कराने में अहम भूमिका निभाने वाले ट्रेफिक पुलिस के एएसआई राकेश वाजपेयी घर व बच्चों की चिता छोड़ कर जन सेवा में जुटे हुए हैं। उनका कहना है कि चार फरवरी को बेटी की शादी करने के बाद इटावा ड्यूटी आ गया था। बेटी के ससुराल से आने पर उसकी राजीखुशी जानने के लिए घर जाने के लिए छुट़्टी लेना चाहता था तब तक लॉकडाउन का संकेत मिल गया और फिर जनता को कोरोना से बचाने के लिए चलाए जा रहे अभियान में जुट गए। एसएसपी के निर्देश पर हर चौराहा पर आने जाने वाले लोगों को कोरोना के प्रति सजग करना ही मुख्य मकसद बन गया। आज भी लॉकडाउन में परिवार की जब याद आती है। तो फर्ज को सबसे बड़ा मानकर जनता की सेवा में जुट जाता हूं। फर्ज से बढ कर परिवार नहीं होता है यह मानकर सेवा कर रहा हूं। नाम : अखिलेश कुमार शाक्य
काम : अखबार वितरण फोटो नं. 5 एक ओर जहां कोरोना संक्रमण में लोग घरों से बाहर निकलने में कतरा रहे हैं वहीं पुलिस, डाक्टर, नर्स व स्वास्थ्य विभाग के अमले की तरह अखबार वितरक भी अपना कर्तव्य पूरे मनोयोग से निभा रहे हैं। वे सुबह से ही अखबार लेकर पाठकों के दरवाजे पर पहुंचाने का काम करते हैं। ताकि उन्हें देश दुनिया के साथ ही अपने शहर व प्रदेश की प्रमुख खबरें पढ़ने के लिए मिल सकें। शहर से सैफई रोड पर ग्राम अधियापुरा के रहने वाले अखिलेश कुमार शाक्य रोजाना 20 किमी साइकिल चलाकर अखबार बांटने का काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि अखबार लोगों तक समय से पहुंचे इसके लिए वे सुबह चार बजे उठकर साइकिल से जिला मुख्यालय पहुंच जाते हैं और वहां से अखबार लेकर सैफई रोड पर पड़ने वाले सारे गांवों के लोगों को अखबार समय से पहुंचाते हैं। अखिलेश का कहना है कि अखबार लोगों तक पहुंचाकर उन्हें खुशी मिलती है। क्योंकि पाठकों के लिए अखबार बेहद जरूरी है।