रेलवे के डेंजर जोन में हर समय मंडराता है खतरा
जागरण संवाददाता इटावा दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक पर टूंडला से फफूंद तक डेंजर जोन माना जाता है। हालांकि बीते कई सालों से इस क्षेत्र में ट्रेन डकैती की वारदात नहीं हुई थी फिर भी छिनैती चेन स्नेचिग मोबाइल पार करने जैसी छिटपुट
जागरण संवाददाता, इटावा : दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक पर टूंडला से फफूंद तक डेंजर जोन माना जाता है। हालांकि बीते कई सालों से इस क्षेत्र में ट्रेन डकैती की वारदात नहीं हुई थी फिर भी छिनैती, चेन स्नेचिग, मोबाइल पार करने जैसी छिटपुट वारदातें अनवरत जारी हैं। बीती रात स्वर्ण जयंती सुपरफास्ट एक्सप्रेस में जिस अंदाज में डकैती-लूटपाट की गई है और बदमाशों ने जिस स्थान पर चेनपुलिग करके अपने अन्य साथियों को शामिल किया उससे स्पष्ट हो गया है कि इस क्षेत्र में हर समय खतरा मंडराता रहता है। रात के साए में इस सुपरफास्ट ट्रेन में एस्कॉर्ट न होना भी रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा रहा है। रेलवे प्रशासन सुरक्षा के दावे तो बहुत करता है लेकिन धरातल पर हालात विपरीत ही नजर आते हैं, वर्ष 2014 में अप्रैल से लेकर दीपावली पर्व अक्टूबर तक संगम एक्स्प्रेस में खूनी डकैती, सीमांचल एक्सप्रेस तथा अवध एक्सप्रेस के कई कोचों में लूटपाट, असोम की लड़की को लूटकर चलती ट्रेन से फेंककर उसकी हत्या करने सहित कई संगीन वारदातें हुई थीं। उस समय डीजी, आईजी तथा एसपी को यहां डेरा डालकर घटनाओं का अनावरण कराना पड़ा था। उस समय भी अधिकांश घटनाओं में भरथना तथा दिबियापुर क्षेत्र के बदमाश ज्यादा पकड़े गए थे। उस समय बदमाशों पर कड़ा अंकुश लगाया गया, काफी संख्या में बदमाश पकड़े गए। इसके बावजूद जहरखुरानी, चलती ट्रेन से महिलाओं की चेन स्नेचिग तथा मोबाइल फोन सहित अन्य कीमती सामान की चोरी की घटनाओं का सिलसिला जारी है। स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस में डकैती बीते गुरुवार-शुक्रवार की रात झारखंड स्वर्ण जयंती सुपरफास्ट एक्सप्रेस में बदमाशों ने जिस अंदाज में डकैती डाली है उससे सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गए है। इस मामले में भले ही दो पीड़ितों ने अलग-अलग थानों में लूटपाट की रिपोर्ट दर्ज कराई है लेकिन बदमाशों की संख्या तथा शयनयान कोच एस-4 से लेकर जनरल कोच में घटना होने से अन्य यात्री भी लूटपाट के शिकार हुए होंगे इस आशंका को नकारा नहीं जा सकता है। हर ट्रेन की होगी निगरानी क्षेत्रीय बदमाशों पर अंकुश लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है, अब हर ट्रेन की कड़ी निगरानी कराई जाएगी। सुरक्षा व्यवस्था के प्रति और अधिक सजगता बरती जाएगी।
- शिवकुमार सिंह जीआरपी थाना प्रभारी