मौसम की बेढंगी चाल से फसलें हो रहीं प्रभावित
जागरण संवाददाता इटावा बीते डेढ़ माह से बारिश नहीं होने से अक्टूबर माह के तीसरे सप्ता
जागरण संवाददाता, इटावा : बीते डेढ़ माह से बारिश नहीं होने से अक्टूबर माह के तीसरे सप्ताह में भी वातावरण ठंडक नहीं हुई है। दिन सूरज की तेज तपिश से तो हालात मई-जून जैसे नजर आते हैं। बीते साल एक अक्टूबर तक लगातार बारिश का सिलसिला जारी रहने से दूसरे सप्ताह में मौसम सामान्य हो गया था। वातावरण में गर्मी रहने से शाम होते ही मच्छरों व अन्य कई प्रकार की कीड़ों की भरमार होने से लोगों का जीना दुश्वार बना हुआ है। बीते साल 23 सितंबर से लेकर 1 अक्टूबर तक बारिश का सिलसिला जारी रहने से अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में मौसम सामान्य हो गया था। न्यूनतम 22 तो अधिकतम 33 डिग्री के आसपास तापमान रहता है। इस साल 28 अगस्त के बाद बारिश न होने से अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में भी मौसम सामान्य नहीं हुआ है। बीते पखवाड़ा से तापमान न्यूनतम 21 से 25 तो अधिकतम 35 से 38 डिग्री के आसपास चल रहा है। दूसरी ओर पूर्वाह्न से अपराह्न के मध्य सूरज की तेज तपिश से लोगों का आवागमन तक किसी मुसीबत से कम नहीं है। दिन में गर्मी और रात में सर्दी होने से मौसमी रोग तेजी से फैल रहे हैं। फसल तैयार करने को नहीं मिल रहा पूरा पानी
बारिश के साथ बीते 15 अक्टूबर से नहरों का पानी कम किए जाने से फसलें भी प्रभावित हो रही है। इन दिनों अगैती के आलू, गेहूं, चना, मटर, तथा सरसों की बोवाई के लिए खेत तैयार करने को पानी की जरूरत है। दूसरी ओर धान की पक रही फसल, गाजर, मूली, मूंगफली, सिघाड़ा व अन्य सब्जियों की फसलों की नमी की जरूरत है। पश्चिमी विछोह दिखाई दे रहा है, आगामी 23 अक्टूबर को कानपुर मंडल में बारिश होने का अनुमान है। इस दौरान ठंडी हवाएं भी चलने लगेंगी, इससे वातावरण में ठंडक हो जाएगी। मौसम के मद्देनजर किसान अपनी फसलों की सुरक्षा के प्रति सजगता बरतें।
- डॉ. एसएन सुनील पांडेय, कृषि मौसम वैज्ञानिक