Move to Jagran APP

चिकित्सा एवं चिकित्सकों के लिए खतरनाक है विधेयक

जागरण संवाददाता, इटावा : नेशनल मेडिकल बिल के विरोध में शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसि

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 07:39 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 07:39 PM (IST)
चिकित्सा एवं चिकित्सकों के लिए खतरनाक है विधेयक
चिकित्सा एवं चिकित्सकों के लिए खतरनाक है विधेयक

जागरण संवाददाता, इटावा : नेशनल मेडिकल बिल के विरोध में शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने विरोध जताया। चिकित्सकों ने इस बिल को चिकित्सा एवं चिकित्सकों के लिए खतरनाक बताया। संगठन ने काली पट्टी बांध कर चिकित्सकीय सेवा करने का निर्णय लिया। आइएमए के जिलाध्यक्ष डा. वीके गुप्ता ने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित नेशनल मेडिकल बिल चिकित्सा व शिक्षा के लिए अभिशाप है। इसके लागू होने पर जहां चिकित्सा गरीबों के लिए महंगी हो जाएगी, वहीं छात्र पढ़ाई करने को तरस जाएंगे। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता संरक्षण विधेयक-2018 लोक सभा द्वारा 20 दिसंबर को पारित कर दिया गया, जिसका असर स्वास्थ्य क्षेत्र पर पड़ेगा। अगर इस विधेयक को राज्य सभा में मंजूरी मिल जाती है तो बड़े पैमाने पर मरीजों व समुदाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को खुद को सुरक्षित रखने के लिए अपनी चिकित्सा क्षतिपूर्ति 200 फीसद तक बढ़ानी होगी। इसका बोझ गरीब और जरुरतमंद मरीजों पर पड़ेगा। चिकित्सक जोखिम व जटिल मरीजों को लेना बंद कर देंगे। इससे प्रयोगशाला जांच की संख्या बढ़ जाएगी। डा. एमएम पालीवाल ने कहा कि तकरीबन 60 फीसद प्राथमिक व माध्यमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं एकल चिकित्सा-चिकित्सकों और छोटे नर्सिग होम द्वारा प्रदान की जाती हैं। विधेयक के ऐसे प्रावधानों से इनको बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। आइएमए सचिव डा. संजीव यादव, डा. अभिताभ श्रीवास्तव, डा. डीके ¨सह, यादव, डा. एससी गुप्ता, डा. संजय कुमार, डा. डीके दुबे, मनोहर ¨सघल मौजूद रहे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.