गांव ओडीएफ, खुले में शौच जा रहीं महिलाएं
संवाद सहयोगी, सैफई : कहने को तो जनपद को स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश में नंबर वन होने क
संवाद सहयोगी, सैफई : कहने को तो जनपद को स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश में नंबर वन होने का आइएसओ प्रमाण पत्र मिल गया हो। परंतु स्वच्छ भारत मिशन धरातल पर पहुंच पूरी तरह कामयाब नहीं हो रहा है। गांव नगला सुभान में अब तक आधे ही शौचालय बन सके हैं। बड़ी संख्या में शौचालयों का निर्माण अभी अधूरा है। दूसरी तरफ योजना से वंचित लोगों की संख्या भी कम नहीं है। ऐसे में गांव की करीब 70 फीसद आबादी खुले में शौच जाने को मजबूर है। दैनिक जागरण की टीम ने शुक्रवार को विकास खंड सैफई के ग्राम पंचायत नगला सुभान का दौरा किया तो पाया कि यहां पर 800 से ज्यादा परिवार रह रहे हैं। इनमें से कुछ परिवारों के यहां पहले ही शौचालय बने हुए हैं। लाभ पाने से वंचित राजेश व रक्षपाल ¨सह और राकेश जाटव ने बताया कि उन्होंने अपना नाम लिस्ट में देखा परंतु अब तक उनको लाभार्थी नहीं बनाया गया है। कई बार अधिकारियों को इसकी शिकायत कर चुके हैं। यह नजारा सैफई ब्लाक के हर गांव में तकरीबन ऐसा ही देखने को मिल जाएगा। अब तक करीब 268 शौचालय बनने का लक्ष्य दिया गया था जिसमें कई शौचालयों का निर्माण अब तक अधूरा है। किसी का टैंक नहीं बना है तो किसी की छत नहीं पड़ी है। गांव निवासी रामवीर जाटव ने बताया हमारे शौचालय का टैंक अब तक नहीं बना है, ऐसे में शौचालय का उपयोग नहीं हो पा रहा है। अधूरे पड़े कई शौचालयों का उपयोग महिलाएं घर का फालतू सामान रखने में कर रहीं हैं। नहीं पहुंची खातों में धनराशि निर्माण के लिए सूची के अनुसार खातों में सभी लाभार्थियों की धनराशि भी समय नहीं पहुंच रही है। कई ग्रामीणों को अब तक दूसरी किश्त नहीं मिली है, ऐसे में निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है। घर में शौचालय, फिर भी खुले में शौच के लिये जाने के लिये विवश हैं। जब इस बारे में एडीओ पंचायत इम्तियाज अख्तर से बात की तो उनका कहना था कि इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। पंचायत सचिव व प्रधान से बात करें शौचालय क्यों नहीं बनाए गए हैं वही इसके लिये पूरी तरह से जवाबदेह हैं। ग्राम प्रधान महेश दिवाकर का कहना है 2011 की लिस्ट के अनुसार कुछ परिवार वांछित हैं अभी सूची अलग से बनाई जा रही है। जिसकी नोडल अधिकारी जांच करके शेष बचे हुए लोगों के भी शौचालय स्वीकृत हो जाएंगे।