मलेरिया संग टाइफाइड ने फैलाए पांव
जागरण संवाददाता, इटावा : इस समय जनपद में वायरल, मलेरिया, टाइफाइड आदि बीमारियों का प्रकोप
जागरण संवाददाता, इटावा : इस समय जनपद में वायरल, मलेरिया, टाइफाइड आदि बीमारियों का प्रकोप छाया हुआ है। मरीजों की भरमार है। लेकिन इलाज को जिम्मेदार सरकारी अस्पताल ही बीमार नजर आ रहे हैं। सुबह 9 बजे से पहले डॉक्टर पहुंचते नहीं और दोपहर 1 बजे तक उठ जाते हैं। महज चार घंटे के बीच भी डॉक्टर कई बार बहानेबाजी कर बाहर निकलते रहते हैं। जिसके चलते हर रोज तमाम मरीजों को बैरंग लौटना पड़ता है। जिला अस्पताल में ओपीडी के लिए सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक का समय निर्धारित है। मरीज का पर्चा एक बजे तक ही बनाया जाता है। लेकिन डॉक्टरों के मामले में यह नियम नहीं चलता। वे अपनी सुविधा के अनुसार आते-जाते हैं। जबकि बीमारियों से घिरे मरीज भटकते रह जाते हैं। मजबूरी में उन्हें निजी चिकित्सकों के यहां पहुंचकर मोटे खर्चे का बोझ उठाना पड़ता है। यह हालात कोई एक-दो दिन की नहीं, ऐसा रोज ही होता है। गुरुवार को कई डाक्टरों के चेंबर ही नहीं खुले। कई डाक्टर नदारद थे। सबसे अधिक समस्या बीमार छोटे बच्चों को लेकर परिजनों को उठानी पड़ रही है। एक बाल रोग विशेषज्ञ न होने के कारण बच्चों को गोद में लेकर माताएं चक्कर काट रहीं थीं। 1445 पंजीकरण 335 जांचें : गुरुवार को जिला अस्पताल में 1445 नए पंजीकरण किए गए। इनमें से 275 की पैथोलॉजिकल जांच तथा 60 मरीजों ने डेंगू, चिकनगुनियां की जांच कराई । इस जांच में डेंगू व चिकनगुनियां की पहचान तो नहीं हो सकी, लेकिन मलेरिया व टाइफाइड के मरीजों की भरमार रही। जांच में मलेरिया बुखार के 146 मरीज पाए गए, वहीं टाइफाइड के 140 मरीज निकले। इनमें अधिकांश मरीज तो जांच कराके निजी अस्पतालों में उपचार कराने चले गए। शुक्रवार को भी जिला अस्पताल मोहर्रम की छुट्टी के कारण पूरे समय नहीं खुला। जिम्मेदार बोले : डा.बीआर आंबेडकर जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को उपचार दिए जाने की व्यवस्था की गई है। एक वार्ड आपातकाल के लिए सुरक्षित कर दिया गया है। सीमित संसाधनों में ही इलाज दिया जा रहा है। चिकित्सकों की कमी तो चल रही है, इसके बाद भी कोर्ट एवीडेंस, पोस्टमार्टम व अन्य सरकारी कार्य के लिए भी चिकित्सक उपलब्ध कराए जा रहे हैं। - डा. एसएस भदौरिया, मुख्य चिकित्साधीक्षक