अदबो एहतराम के साथ निकला मेंहदी का जुलूस
जागरण संवाददाता, इटावा : हजरत कासिम की यादगार में मोहर्रम की आठ तारीख को शहर के क
जागरण संवाददाता, इटावा : हजरत कासिम की यादगार में मोहर्रम की आठ तारीख को शहर के कटरा साहब खां स्थित दरगाह हजरत अबुल हसन वारिसी से मेंहदी का ऐतिहासिक जुलूस बड़ी शान-ए-शौकत और अदब के साथ उठाया गया। इस जुलूस को दरगाह के सैक्रेटरी हसनैन वारिस उर्फ हनी वारिसी ने झंडी दिखाकर रवाना किया। जुलूस का नेतृत्व गुजरात के हजरत बाबा मेहबूब शाह वारिसी ने किया। संरक्षक हाजी बुलाकी वारिसी, हाजी दानिश वारिसी, तहसीन इलाही वारिसी, साजिद वारिसी, जाबेद हसन वारिसी, हाजी शहजाद वारिसी एडवोकेट व रईसुद्दीन वारिसी ने जुलूस को गति प्रदान की। दरगाह अबुल हसन वारिसी से हजरत कासिम की यादगार में उठने वाले फूलों से सजे मेंहदी के तुगरा को मय अलम चौकियों के पंजाबी मोहल्ला स्थित मस्जिद के समीप इमाम चौक पर लाया गया। जहां पर शहर के मशहूर बैंडों ने हजरत इमाम हुसैन व शहीदाने कर्बला की शान में मातमी धुनें बजाकर सलामी दी। मरहूम
शेख असद हुसैन वारिसी के मेंहदी वाले चबूतरे पर बारह अखाड़ों के उस्ताद व खलीफाओं ने अपने शिष्यों के साथ अखाड़ा जमाया और तलवार बरछी, मुगदर लकड़ी बाने के हैरत अंगेज कारनामे दिखाकर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। 12 घंटे तक शहर की सड़कों पर घूमा जुलूस जुलूस में यह सिलसिला रात भर चलता रहा और करीब 12 घंटे तक शहर की सड़कों पर भ्रमण किया। इसमें कई दर्जन सुसज्जित झांकियां चल रहीं थीं काबा, मदीना शरीफ, कर्बला के तुगरे, बने हुए थे। लगभग एक सैकड़ा अलम ध्वज हैदरी जुलूस में चार चांद लगा रहे थे। कई जुल्फकार भी जुलूस की शोभा बढ़ा रहीं थीं। जिन पर चमचमाती तलवारें लटक रहीं थीं, जिन पर मन्नती चॉंदी के नीबू श्रद्धालुजन चढ़ा रहे थे। सभी अखाड़ों के अपने-अपने निशान थे। मेंहदी जुलूस के अगले भाग में अलम ध्वज के साथ मोहल्ला मेवाती टोला, उर्दू मोहल्ला, मेवाती टोला, नई बस्ती, आजादनगर टीला, शाहकमर, कांशीराम कालोनी टीवी अस्पताल, नौरंगाबाद व शाह गदाली के जरी से सुसज्जिद अलमों का काफिला चल रहा था। मेंहदी के जुलूस की व्यवस्था अब्दुल गफ्फार वारिसी, जलील अहमद वारिसी, इल्यास वारिसी, मो.फरीद वारिसी, रईस वारिसी
अबरार वारिसी, यूसुफ वारसी संभाले हुए थे। खादिम अब्बास, डा.अयाज अली, फजल यूसुफ, नफीसुल हसन, अंसारी, निहाल खान, शावे•ा नकवी, हसीन वारसी, झम्मन भाई, दिलशाद अली वारसी, मुमताज चौधरी, फरहान गुड्डू, वारसी गुड्डू खलीफा सहित प्रमुख लोगों की जहां मौजूदगी रही वहीं पर पुलिस की व्यवस्था चाक चौबंद थी।