बच्चा अस्पताल में नहीं आते चिकित्सक,लौट रहे पीड़ित
जागरण संवाददाता इटावा बीते 56 साल पूर्व स्वास्थ्य विभाग को विरासत में मिले बच्चा अस्पताल की हालत
जागरण संवाददाता, इटावा : बीते 56 साल पूर्व स्वास्थ्य विभाग को विरासत में मिले बच्चा अस्पताल की हालत प्रशासनिक उपेक्षा के चलते बद से बदतर हो गई है। शहर के इकलौते बच्चा अस्पताल में बालरोग चिकित्सक की तैनाती तो की गई है लेकिन वह कभी कभार ही आते हैं। यहां की सारी व्यवस्थाएं फार्मासिस्ट के हवाले हैं।
विदित हो कि इस बच्चा अस्पताल तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने 25 मार्च 1966 को जनता के लिए लोकार्पण किया था। इस अस्पताल में बच्चा मरीजों की लंबी लाइन लगती थी। यहां के लिए शासन की ओर से 4 बाल रोग चिकित्सक के पद सृजित हैं लेकिन संविदा पर एक महिला चिकित्सक की ही तैनाती है, वह भी अस्पताल यदाकदा ही आती हैं।
बताया गया है कि इस अस्पताल की ओपीडी में पहले 100 से 150 बच्चे आते थे, लेकिन अब घट कर 40 से 70 तक ही संख्या रह गई है। वह भी चिकित्सक के अभाव में लौट जाते हैं। सीएमओ ने बनाया वैक्सीन सेंटर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एनएस तोमर ने इस इकलौते बच्चा अस्पताल की व्यवस्था को संभालने का प्रयास तो नहीं किया वरन अपनी सुविधा के लिए इसे वैक्सीन सेंटर बना दिया। हालत यह है कि यहीं से सर्विलांस टीमों को रवाना किया जाता है तथा वैक्सीन का वितरण किया जाता है। सैफई मेडिकल कालेज की टीम आती थी बच्चा अस्पताल में सैफई मेडिकल कालेज के ट्रेनी चिकित्सकों की एक टीम आती थी। लेकिन कई दिन से टीम के न आने से बीमार बच्चे व उनके अभिभावक परेशान हो रहे हैं। उपचार के लिए आने वाले बच्चे 22 सितंबर : 93 बच्चे
23 सितंबर : 62
24 सितंबर : 62
25 सितंबर : 60
26 सितंबर : 45 बच्चा अस्पताल में सैफई मेडिकल कालेज के चिकित्सकों की टीम आती है। इसके साथ ही एक संविदा पर बाल रोग चिकित्सक की तैनाती की गई है। सुरक्षा की ²ष्टि से वैक्सीन भी रखी जा रही है। चिकित्सा सेवा की जांच कराई जाएगी। डॉ. एनएस तोमर, मुख्य चिकित्साधिकारी