पत्नी की हत्या के आरोप से क्षुब्ध होकर जान दी
संवाद सहयोगी भरथना तीन दिन पहले गायब महिला का शव नहर में मिलने पर उसके मायके वालों ने
संवाद सहयोगी, भरथना : तीन दिन पहले गायब महिला का शव नहर में मिलने पर उसके मायके वालों ने पति व उसके परिजनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करा दिया। जिससे दु:खी होकर पति ने फांसी लगाकर जान दे दी। युवक के परिवारीजनों ने हत्या की आशंका जाहिर करते हुए शव को पेड़ पर लटकाने की बात कही है।
थाना क्षेत्र के ग्राम आलमपुरा निवासी 35 वर्षीय राजवीर उर्फ राजू की पत्नी रीता चार मार्च को देर शाम अपने घर से गायब हो गई थी। उसका शव 10 मार्च को ऊमरसेड़ा नहर पुल के समीप स्थित ग्राम कर्वा के सामने बरामद हुआ था। 11 मार्च सोमवार को रीता के भाई अखिलेश ने राजवीर सहित उसके परिवारीजनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करा दिया। इसकी जानकारी होने पर राजवीर ने गांव के समीप बलराम के खेत में खड़े बबूल के पेड़ पर अपने मफलर से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार की सुबह गांव की महिलाएं व बच्चे नित्य क्रिया को निकले तो राजवीर के शव को देखा। सूचना पर गांव के अन्य लोगों के साथ राजवीर के परिवारीजन मौके पर पहुंच गये। थाना प्रभारी निरीक्षक महेंद्र प्रताप सिंह ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
अरविद कुमार व चचेरे बलराम ने भाई राजवीर उर्फ राजू की हत्या की आशंका जाहिर करते हुए बताया कि बबूल के पेड़ से राजवीर के शव का निचला हिस्सा जमीन से छू रहा था। उसके मफलर से बबूल के पेड़ की डाली में एक गांठ लगी हुई थी। जिससे स्वयं के द्वारा फांसी लगाना प्रतीत नहीं हो रहा था। ऐसा लग रहा कि किसी ने हत्या कर शव को बबूल के पेड़ से लटका दिया हो। बेटे का शव देख मां बेहोश अपने पुत्र राजवीर का शव पेड़ से लटका देख मां बादाम श्री अचेत होकर जमीन पर गिर पड़ी। जैसे ही परिवारीजनों को घटना की जानकारी हुई वे घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े थे, उनके साथ उसकी मां बादामश्री भी दौड़कर घटनास्थल पर पहुंची थी। मासूम बच्चे हो गये अनाथ राधा, कन्हैया व काव्या के सिर से मां-बाप का साया उठ गया। राधा की उम्र करीब 9 वर्ष, कन्हैया उम्र करीब 5 वर्ष और काव्या उम्र करीब चार माह है। तीनों बच्चे अपनी मां की मौत के सदमे से उबर भी न पाए थे कि उनके सिर से पिता का साया भी उठ गया। चार माह की दुधमुही काव्या ने ठीक से अपने मां-बाप को भी नहीं देखा था। रीता के गायब होने पर गंभीर नहीं थी पुलिस समय रहते अगर पुलिस पीड़ित की तहरीर पर रीता के गुम होने का मामला दर्ज कर कार्रवाई करती तो शायद राजवीर उर्फ राजू की जान बच सकती थी। राजू के चचेरे भाई बलराम ने रीता के गुम होने की सूचना 5 मार्च को थाना पुलिस को दे दी थी। बलराम ने बताया कि राजवीर की पत्नी चार मार्च को देर शाम जैसे ही घर से गायब हुई उसकी लिखित सूचना पांच मार्च की सुबह भरथना थाना पुलिस को दे दी थी लेकिन पुलिस द्वारा गुमशुदगी दर्ज न कर एक दो दिन इंतजार करने की बात कहकर घर भेज दिया था।