एक लाख पांच हजार किसानों ने नहीं कराया ई-केवाईसी
सरकार ने किसानों के लिए किसान सम्मान निधि की नई किस्त प्राप्त करने
एक लाख पांच हजार किसानों ने नहीं कराया ई-केवाईसी
जागरण संवाददाता, इटावा : सरकार ने किसानों के लिए किसान सम्मान निधि की नई किस्त प्राप्त करने के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया है। जनपद में एक लाख पांच हजार किसानों ने 27 मई तक ई-केवाईसी नहीं कराया है, इसको लेकर कृषि विभाग खासा चिंतित है। इसको कराने की अंतिम तिथि 31 मई है। अब केवल तीन दिन शेष रह गए हैं।
किसान सम्मान निधि पाने वाले किसानों को ई-केवाईसी अनिवार्य किया गया था इसके लिए किसानों को उनके बैंक खाते, मोबाइल नंबर व आधार कार्ड का संबद्ध होना जरूरी है। इसके साथ-साथ यह भी देखा जाना है कि आधारकार्ड बैंक खाता व सम्मान निधि के कागजों में नाम पता बिलकुल एक ही हो। कृषि विभाग इस कार्य को कराने के लिए किसानों से पिछले एक माह से लगातार अपील कर रहा है लेकिन उसके बाबजूद भी अभी तक केवल 75 प्रतिशत किसानों ने ई-केवाईसी कराया है। जनपद में कुल किसानों की संख्या दो लाख 44 हजार 372 है इनमें से अब तक एक लाख 38 हजार 692 किसानों ने ई-केवाईसी कराई है।
साल भर में मिलते हैं छह हजार रुपये
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई किसान सम्मान निधि योजना किसानों की महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत साल भर में तीन बार में किसानों को दो-दो हजार रुपये दिए जाते हैं। यह धन उनके खाते में जाता है। नई व्यवस्था के तहत जो किसान ई-केवाईसी नहीं कराएंगे उनके खातों में रकम नहीं भेजी जाएगी।
2600 किसान अपात्र मिले
जनपद में कृषि विभाग को 2600 किसान ऐसे मिले हैं जो अब तक अपात्र पाए गए हैं। इनका आधार कार्ड सही नहीं हैं। इसके साथ-साथ 1800 किसान ऐसे पाए गए हैं जो आयकर की श्रेणी में आ रहे थे। इनको आयकर विभाग ने चिन्हित किया है। कृषि विभाग की सुविधाएं इनको नहीं मिलनी थीं। इनसे धन की वसूली की जाएगी लेकिन कुछ लोग इसमें ऐसे भी हैं जो आयकर नहीं देते केवल आइटीआर भरते हैं। ऐसे लोग अगर विभाग को शपथ पत्र भरकर दे देंगे तो कृषि विभाग उसे मान लेगा।
सोशल आडिट चल रहा
उपनिदेशक कृषि राम नारायण सिंह ने बताया कि जनपद में अभी तक 75 प्रतिशत किसानों से ई-केवाईसी हो चुके हैं। प्रयास किया जा रहा है कि 31 मई तक ई-केवाईसी पूरा हो जाए। जिनका यह कार्य पूरा नहीं होगा उन्हें अगली किस्त नहीं मिलेगी। उन्होंने बताया कि सोशल आडिट चल रहा है जिसमें लेखपाल ग्राम पंचायत अधिकारी व कृषि विभाग के तकनीकि सहायक गांव-गांव जाकर सत्यापन का कार्य कर रहे हैं। जिसमें सम्मान निधि के अपात्र लोगों को देखा जा रहा है।