कोरोना काल के बाद स्टेडियम में लौटी रौनक
जागरण संवाददाता इटावा कोरोना काल में जनपद में ही नहीं बल्कि देश विदेश में खेल गतिविधिया
जागरण संवाददाता, इटावा : कोरोना काल में जनपद में ही नहीं बल्कि देश विदेश में खेल गतिविधियां ठप हो गई थीं। खिलाड़ी मैदान से गायब हो गए थे और महात्मा ज्योतिबाफुले स्टेडियम में तैनात आठ खेलों के संविदा कोचों को हटा दिया गया था। परंतु अब खेल विभाग ने बाक्सिग, जिमनास्टिक, कराटे, क्रिकेट, बैडमिटन, हाकी, फुटबाल खेल के लिए संविदा प्रशिक्षकों की तैनाती कर दी है। अब केवल बालीबाल खेल बचा है जिसके लिए संविदा प्रशिक्षक की तैनाती होना बाकी है। सभी प्रशिक्षकों ने अपना कार्यभार संभाल लिया है और स्टेडियम में सुबह-शाम खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया गया है।
मार्च 2020 में जब पहली बार कोरोना ने अपने पैर पसारे थे उसके बाद से प्रदेश सरकार ने स्टेडियम की सारी गतिविधियों के बंद करने के आदेश दिए थे। इनमें सभी प्रकार के ट्रेनिग कैंप व टूर्नामेंट के बंद करने के आदेश दिए गए थे। स्टेडियम में तैनात आठ संविदा कोचों को हटा दिया गया था। हालांकि इसके बाद संविदा कोचों ने लखनऊ जाकर प्रदर्शन भी किया था लेकिन उस समय उनकी कोरोना के कारण बात नहीं सुनी गई थी।
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खिलाड़ियों का प्रशिक्षण शुरू
जिला क्रीड़ाधिकारी नरेश चंद यादव ने बताया कि उनके पास दो खेलों के कोच क्रिकेट बृजेंद्र सिंह, बैडमिटन अज्ञात वर्मा पहले से ही काम कर रहे थे। एक नवंबर से कानपुर की रुखसारबानो बाक्सिग के लिए आगरा की जसाई, जिमनास्टिक में इटावा की रेनू गुप्ता कराटे खेल के लिए तैनात की गई हैं। हाकी में स्थायी प्रशिक्षक परमजीत सिंह व राजेश सोनकर खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं जबकि फुटबाल में वे स्वयं प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब केवल बालीबाल खेल का प्रशिक्षक बाकी रह गया है उसके लिए भी प्रयास किया जा रहा है। प्रशिक्षक सुबह-शाम बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। प्रत्येक खेल में 100 से 200 के बीच में बच्चे प्रशिक्षण पा रहे हैं।