धान खरीद में रिश्वत मांगने का आरोप
संवाद सहयोगी जसवंतनगर सरकार किसानों का धान खरीदने के कितने ही दावे करें लेकिन धरात
संवाद सहयोगी, जसवंतनगर : सरकार किसानों का धान खरीदने के कितने ही दावे करें लेकिन धरातल पर हालात विपरीत ही हैं। किसानों को धान का समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है, सूखा धान होने के बावजूद सरकारी क्रय केंद्र प्रभारियों द्वारा धन मांगा जा रहा है। इससे किसान बड़ी संख्या में बाजारों में धान बेचने के लिए मजबूर हैं।
जसवंतनगर क्षेत्र के ग्राम नगला कन्हई के सुनील कुमार धान की खरीद में चल रही धांधली को लेकर पॉलिथिन में धान भरकर उपजिलाधिकारी ज्योत्स्ना बंधु को दिखाकर शिकायत करके रोष व्यक्त किया। किसान का कहना है कि 15 दिन पूर्व ये धान लेकर क्रय केंद्र पर बेचने गया तो धान में नमी कहकर वापस कर दिया। 15 दिन बाद धान सुखाकर गया तो दो सौ रुपये प्रति क्विटल अतिरिक्त मांगा गया। मना करने पर धान की तौल नहीं की जा रही है। ये महज एक किसान की आपबीती है। यही हाल अधिकांश क्रय केंद्रों का है। यही कारण है कि धान खरीद की रफ्तार तेजी नहीं पकड़ पा रही है। किसान धान लेकर मंडी में बेचने जा रहे हैं तो उनको लागत भर कीमत नहीं मिल रही है।