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वाहन चलाते समय तेज संगीत-वार्तालाप घातक

जागरण संवाददाता, इटावा : वाहन चलाने के दौरान तेज संगीत सुनना, मोबाइल फोन से बात करना तथा सह

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 06:52 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 06:52 PM (IST)
वाहन चलाते समय तेज संगीत-वार्तालाप घातक
वाहन चलाते समय तेज संगीत-वार्तालाप घातक

जागरण संवाददाता, इटावा : वाहन चलाने के दौरान तेज संगीत सुनना, मोबाइल फोन से बात करना तथा सह यात्रियों से वार्तालाप करना अक्सर घातक सिद्ध होता है। इसके बावजूद काफी संख्या में लोग वाहन चलाने के दौरान इस ओर तवज्जो नहीं दे रहे हैं। वाहन दौड़ाने के दौरान इस तरह की लापरवाही कई लोगों की ¨जदगी एक साथ लील लेती है। कई जीवन भर के लिए अपाहिज होकर परिजनों के मोहताज होते हैं। इसके बावजूद लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं, इसके लिए धरातल पर ऐसे वाहन चालकों को जागरूक करने की जरूरत है। कानों में लीड लगाकर या तेज म्यूजिक साउंड बजाते हुए वाहन चलाना फैशन सा बन गया है। हालात इतने बदतर हैं कि ट्रैक्टरों में तेज साउंड वाले म्यूजिक सिस्टम लगे हुए हैं। अधिकांश दो पहिया वाहन सवार युवाओं को कानों में लीड लगाकर स्मार्ट फोन से म्यूजिक सुनना आम हो गया है। एक्सप्रेस-वे हो या संपर्क मार्ग हर मार्ग पर इन दिनों वाहनों का आवागमन निरंतर बढ़ रहा है। खासकर युवा वर्ग और किशोर मोबाइल फोन से वार्ता करते हुए वाहन चलाते हुए नजर आते हैं, तो कई कारों में कार चालक अपने साथियों से वार्ता करते देखा जाता है। इससे आए दिन सड़क हादसे घटित हो रहे हैं इसके बावजूद सजगता नहीं बरती जा रही है। कारों-बसों में एलइडी लक्जरी कारों तथा अधिकांश टूरिस्ट से लेकर साधारण निजी बसों में हाई म्यूजिक सिस्टम ही नहीं अपितु एलइडी सिस्टम भी लगे हुए हैं जिन पर यात्रियों को फिल्में व अन्य कार्यक्रमों का आनंद लेते देखा जाता है। इससे चालक का ध्यान भंग होने पर हादसा तय है। इसके बावजूद अधिकांश लोग इस ओर तवज्जो नहीं दे रहे हैं। बदलनी होगी मानसिकता नियमों का तो कड़ाई से पालन होना ही चाहिए साथ ही लोगों को भी अपनी मानसिकता बदलनी चाहिए। वर्तमान दौर में अधिकांश मार्गों पर वाहनों का बेतहाशा आवागमन हो रहा है। ऐसे में वाहन चालकों की मानसिकता में भी बदलाव आना जरूरी है। गौरतलब पहलू तो यह है कि शिक्षित वर्ग के वाहन चालक भी नियमों की परवाह नहीं करते हैं। एक चालक की गलती कई लोगों को हादसे का शिकार बनाती है। इसलिए सभी को नियमों के प्रति सजगता बरतनी चाहिए। सदैव एकाग्रता के साथ वाहन चलाना चाहिए। हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं

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हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण से बचने के लिए 70 डेसीबल से अधिक तेज आवाज में लाउडस्पीकर ही नहीं अपितु तेज साउंड सिस्टम भी बजाना प्रतिबंधित कर रखा है। वाहनों में टीटी हार्न के अलावा अन्य तेज आवाज के हार्न परिवहन विभाग द्वारा प्रतिबंधित हैं। इसके बावजूद इन नियमों का कड़ाई से पालन नहीं कराया जा रहा है। समाज का जागरूक होना जरूरी ज्ञान स्थली एकेडमी कटरा शमशेर खां के प्रधानाचार्य डॉ. प्रमोद कुमार का कहना है कि वर्तमान दौर में जिस तेजी से यातायात के संसाधन बढ़ रहे हैं। उसके परिचालन में जो खामियां सामने आ रही हैं उनको दूर करने के लिए समाज का जागरूक होना जरूरी है। कोई युवा यदि वाहन गलत तरीके से चला रहा है तो उसे रोककर समझाना चाहिए। वाहनों में तेज साउंड सिस्टम, कानों में लीड लगाकर म्यूजिक सुनते हुए वाहन चलाना खतरनाक है। छात्र-छात्राओं की काउंस¨लग तथा अन्य प्रतियोगिताओं के माध्यम से सजगता बरतने के लिए प्रेरित किया जाता है। बच्चों के समक्ष बड़ों को सजगता बरतनी चाहिए तभी सुधार होगा।


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