क्षतिग्रस्त चंबल पुल कर रहा बड़े हादसे का इंतजार
उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश की सीमा तथा थानां बढ़पुरा के ग्राम उदी के समीप स्थित चम्बलनदी पुल के पंद्रह दिन पूर्व क्षतिग्रस्त होने के बाद पुल पर लगाई गई बेरिकेटिग से आएदिन जाम की स्थिति व्याप्त हो रही है वहीं विभागीय अधिकारी क्षतिग्रस्त पुल की अनदेखी कर किसी बड़े हादसे का इंतजार करते नजर आ रहे है।पूछताछ में एन एच के अधिकारी आज
संवाद सूत्र, उदी :
उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश की सीमा तथा ग्राम उदी के समीप स्थित चंबल नदी पुल के पंद्रह दिन पूर्व क्षतिग्रस्त होने के बाद पुल पर लगाई गई बेरिकेटिग से आए दिन जाम की स्थिति व्याप्त हो रही है। विभागीय अधिकारी क्षतिग्रस्त पुल की अनदेखी कर किसी बड़े हादसे का इंतजार करते नजर आ रहे हैं।पूछताछ में नेशनल हाईवे के अधिकारी आज कल कहकर पंद्रह दिन बीत जाने के बाद भी मरम्मत कार्य की शुरुआत नहीं कर सके हैं।
उक्त चंबल पुल जो कि दो सीमाओं को जोड़ने के साथ अति व्यस्त एनएच-92 मुख्य मार्ग पर स्थित है। जिसका गत माह 28 नवंबर को पिलर संख्या 6 के दक्षिण-पूर्वी हिस्से की रोलर बियरिग क्षतिग्रस्त होने के बाद पुल का स्लैब नीचे की ओर धसक गया था। आनन-फानन में एनएच के अधिकारियों द्वारा क्षतिग्रस्त हिस्से के आसपास मिट्टी आदि डालने के साथ ड्रम आदि लगाकर बेरिकेटिग लगाकर वाहनों को पुल के आधे हिस्से में परिवहन किये जाने की व्यवस्था कर दी गयी थी जो कि अब तक चल रही है। पुल पर वनवे साइड एवं बेरिकेटिग के चलते आये दिन जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। वहीं कई बार वाहन बेरिकेटिग तोड़कर क्षतिग्रस्त हिस्से में घुस जा रहे हैं जो कि किसी बड़े हादसे का कारण भी बन सकता है। लेकिन इस बात से विभागीय अधिकारी अनभिज्ञ रहकर बड़े हादसे का मानो इंतजार ही कर रहे हैं तभी तो आज पंद्रह दिन बीत जाने के बाद भी किसी प्रकार से मरम्मत का कार्य शुरू नहीं कराया गया है।
चंबल पुल के उपरोक्त बियरिग के क्षतिग्रस्त होने का हवाला देते हुए एनएच के एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा एक दो दिन में मरम्मत का कार्य शुरू कर एक हफ्ते में क्षतिग्रस्त हिस्से को दुरुस्त किये जाने का दावा किया गया था। इसके बाद भी कई बार पूछने पर आज-कल में शुरुआत होने की बात कहते कहते पंद्रह दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद अब तक कोई काम शुरू नहीं हो सका है। पुल पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में भारी भरकम अन्य वाहनों के परिवहन होने से अक्सर जाम की स्थिति तो व्याप्त होती ही आ रही है। वहीं बेरिकेटिग तोड़कर क्षतिग्रस्त क्षेत्र में घुसने से कभी भी किसी बड़े हादसे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।