Move to Jagran APP

18 सरकारी बैंकों की शाखाओं पर लगे ताले

जागरण संवाददाता इटावा राष्ट्रीय श्रम संगठनों की देश व्यापी आह्वान पर बैंक कर्मचारी संगठन एआइबीईए एआइबीओए बीईएफआइ आइएनबीईएफ आइएनबीओसी के पदाधिकारियों ने बैंकों की शाखाओं में बुधवार को ताला बंदी रखी। जनपद में 19 बैंकों की शाखाएं हैं जिनमें से स्टेट बैंक की सभी शाखाएं खुली रहीं। बाकी सभी बैंकों में हड़ताल रही। पूर्वांचल बैंक व प्राइवेट बैंक की शाखाओं में भी कामकाज हुआ।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 07:13 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 06:01 AM (IST)
18 सरकारी बैंकों की शाखाओं पर लगे ताले
18 सरकारी बैंकों की शाखाओं पर लगे ताले

जागरण संवाददाता, इटावा : राष्ट्रीय श्रम संगठनों की देश व्यापी आह्वान पर बैंक कर्मचारी संगठन एआइबीईए, एआइबीओए, बीईएफआइ, आइएनबीईएफ, आइएनबीओसी के पदाधिकारियों ने बैंकों की शाखाओं में बुधवार को ताला बंदी रखी। जनपद में 19 बैंकों की शाखाएं हैं जिनमें से स्टेट बैंक की सभी शाखाएं खुली रहीं। बाकी सभी बैंकों में हड़ताल रही। पूर्वांचल बैंक व प्राइवेट बैंक की शाखाओं में भी कामकाज हुआ। ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाईज एसोसिएशन के बैनर तले कर्मचारियों ने बैंक आफ बड़ौदा शाखा बलराम सिंह चौराहा पर एकत्रित होकर प्रदर्शन किया। बैंक यूनियन के प्रदेश सहायक महामंत्री गगन यादव ने कहा कि सरकार एवं प्रबंधन की अनैतिक श्रम विरोधी व जनता विरोधी नीतियों के कारण आज हड़ताल की गई है। उन्होंने कहा कि देश में बैंकों के विस्तार की आवश्यकता है न की विलय की। अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों की सहज पहुंच नहीं हो पा रही है। सरकार विलय करके सिर्फ बढ़े घरानों को अधिक ऋण देने के प्रयास में है। सरकार को खराब ऋणों को वसूलने का प्रयास करना चाहिए।

loksabha election banner

पुलकित कुमार ने बैंकों के निजी करण एवं कारपोरेट घरानों के बढ़ते खराब कर्ज से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताया। अरुण मिश्रा, प्रमोद, मनमोहन, गौरव, अनुराग, सनी, मानव, रजनीश, संतोष, प्रियंका, कुलदीप मौजूद रहे। सेंट्रल ट्रेड यूनियन के आह्वान पर ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन के बैनर तले जनपद के बैंक कर्मचारियों ने केनरा बैंक के बाहर उपस्थित होकर एक स्वर से सरकार की श्रम विरोधी नीतियों का पुरजोर विरोध किया। जिला इकाई ने बताया कि हमारा वेतन समझौता दो साल से लांबित है, इस पर ध्यान न देकर सरकार केवल मर्जर के पीछे पड़ी है। बैंक में कर्मचारियों की भारी कमी है इस पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। पूंजीपतियों को सरकारी उपक्रमों को बेचने की कोशिश की जा रही है। इस अवसर पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई। एमएस भदौरिया, विनोद कुमार, राजेंद्र राजपूत, राजीव सिंह, दिनेश कुमार, राहुल यादव, राजा रिपुदमन सिंह, राजा पांडेय, मुकेश चंद, तीरथराम, बसंत, शशांक पुष्प, लता यादव, एकता, धर्मेंद्र, राजनीश, शिवेंद्र सिंह, आशुतोष वाजपेयी, गौरव, विशाल, सत्यवान मौजूद रहे। स्टेट बैंक की 32 शाखाओं में हुआ काम हड़ताल से स्टेट बैंक बुधवार को दूर रहा। जनपद की 32 शाखाओं में काम हुआ। शास्त्री चौराहा स्थित मुख्य शाखा के मुख्य प्रबंधक स्वदेश श्रीवास्तव ने बताया कि स्टेट बैंक की सभी शाखाओं में कामकाज हुआ है। उन्होंने बताया कि क्लीयरिग हाउस भी चला है और जो चेकें दूसरे बैंकों से आई हैं उनको पास किया गया है।

हड़ताल के प्रमुख कारण

- सरकार की श्रमिक कानूनों में सुधार के नाम पर अधिकार छीनने का विरोध।

- महंगाई के विरोध में।

- पूंजीवादी आर्थिक नीतियों के विरोध में।

- सरकारी बैंकों के विलय व निजी करण के विरोध में।

- एनपीएस का विरोध, पुरानी पेंशन की बहाली की मांग।

- वेतन बढ़ोत्तरी में देरी का कारण।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.