थाने के मालखाना में जंग खा रहे 15 लाख के सिक्के
संवादसूत्र, बकेवर : 14 माह पूर्व एक ट्रैवल्स एजेंसी की बस में बरामद किए गये 15 लाख से अधिक के
संवादसूत्र, बकेवर : 14 माह पूर्व एक ट्रैवल्स एजेंसी की बस में बरामद किए गये 15 लाख से अधिक के सिक्कों के मालिक के बारे में पता लगाने में पुलिस ने कोई रुचि नहीं दिखाई। इसलिए सिक्कों को लादकर दिल्ली ले जाने वालों का कोई सुराग नहीं लग सका है। बस को तो थाना पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर चालक की सुपुर्दगी में छोड़ दिया था लेकिन सिक्के थाना के मालखाना में अभी भी असली मालिक के इंतजार में जंग खा रहे हैं।
22 नवंबर 2017 को बकेवर थाना पुलिस ने बकेवर बाईपास हाईवे पर कानपुर से दिल्ली जा रही एक ट्रैवल्स की डग्गामार बस को पकड़ा था। बस में सवारियों के अलावा 50 से अधिक बोरियों में एक रुपये से लेकर दस रुपये तक के सिक्के बरामद हुए थे। सिक्के 15 लाख 39 हजार रुपये के थे। जिनका कुल वजन 31 ¨क्वटल 51 किग्रा था। सिक्के दिल्ली ले जाए जा रहे थे। पुलिस ने बरामद सिक्कों के मामले में बस चालक अमरजीत ¨सह पुत्र इकबाल ¨सह निवासी अरुणा नगर मजनू का टीला सिविल लाइन नई दिल्ली, हेल्पर सुनील कुमार पुत्र राजेश प्रसाद निवासी रेउषा थाना नंदगंज जनपद गाजीपुर व बस मालिक विनोद कुमार चौधरी निवासी सुजती जनपद बागपत हाल पता 94 खन्ना मार्केट तीस हजारी कोर्ट दिल्ली व हंस ट्रैवल्स फजलगंज कानपुर के दो संचालक पुलकित व अभिषेक नाम पता अज्ञात के विरुद्ध मुद्रा संचालन अधिनियम सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया था। चालक व हेल्पर को जेल भेज दिया था। जबकि शेष तीनों आरोपी फरार हैं।
करीब 14 माह में सिक्कों के असली मालिक तक पहुंचने में पुलिस की अरुचि से ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। क्योंकि अगर तत्कालीन विवेचक ने कानपुर फजलगंज की ट्रैवल्स पर जाकर उसी समय पता करने का प्रयास किया होता तो ट्रैवल्स के आसपास के किसी सीसीटीवी कैमरों से सिक्कों को बस में रखवाने वालों का पता लगाया जा सकता था। बताते हैं कि सिक्कों की बरामदगी के कुछ माह बाद फजलगंज के संबंधित ट्रैवल्स को संचालक ने बंद कर दिया।
सीओ भरथना विकास जायसवाल ने बताया कि मामले की विवेचना अभी जारी है। शेष आरोपियों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। सिक्कों के असली मालिक का पता लगाया जा रहा है।