किशोरी से दुष्कर्म करने में 10 साल की कैद
जागरण संवाददाता इटावा दलित वर्ग की छात्रा किशोरी को झांसा देकर चेन्नई ले जाकर बंधक ब
जागरण संवाददाता, इटावा : दलित वर्ग की छात्रा किशोरी को झांसा देकर चेन्नई ले जाकर बंधक बनाकर जबरन दुष्कर्म करने तथा शादी रचाने के आरोपित को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट दिनेश कुमार चौरसिया ने दोनों पक्षों को विस्तार से सुनने के पश्चात दोषी माना। उसे दस साल की कठोर कैद तथा 15 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की वसूली होने पर 10 हजार रुपये पीड़िता को प्रदान करने का आदेश किया। इससे महिला उत्पीड़न करने वालों में कानून का भय व्याप्त हुआ।
विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट दशरथ सिंह चौहान ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि भूपेंद्र सिंह यादव उर्फ नाहर सिंह पुत्र राजकुमार अरौंज शिकोहाबाद फिरोजाबाद के खिलाफ थाना भरथना में अभियोग दर्ज कराया गया था। कहा गया था कि 8 नवंबर 2013 तहसील पर जाति प्रमाणपत्र लेने आई दलित वर्ग की कक्षा 11 की छात्रा को यह झांसा देकर पहले शिकोहाबाद ले गया वहां दिल्ली होते हुए चेन्नई ले गया। चेन्नई में हलवाई का काम करते हुए किशोरी को एक कमरे में बंधक बनाकर जबरन कई बार दुष्कर्म किया। कुछ दिनों बाद प्रयागराज आकर उसने आर्य समाज तरीके से जबरन शादी भी कर ली। पुलिस दोनों की टोह में लगी हुई थी इसके चलते 30 दिसंबर 2013 को पुलिस ने पकड़ लिया। किशोरी ने न्यायालय में जो बयान दर्ज कराए उससे हकीकत प्रकट हुई। इस दौरान पुलिस ने किशोरी होने तथा भूपेंद्र द्वारा उसे भगा ले जाने तथा दुष्कर्म करने के कई साक्ष्य एकत्रित कर लिए। विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार चौरसिया के समक्ष आरोपित के अधिवक्ता ने साक्ष्यों को संदेहजनक करने का प्रयास करते हुए कई दलीलें प्रस्तुत की लेकिन अभियोजन द्वारा जुटाए गए अकाट्य साक्ष्यों को वे प्रभावित नहीं कर सके, इससे सजा सुनाई गई।