गोल्डन कार्ड के इंतजार में 10 हजार
केंद्र की ड्रीम प्रोजेक्ट आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को लागू हुए 10 माह गुजर गये हैं और अभी भी जनपद के तकरीबन 10 हजार पात्रों को ग्रीन कार्ड उपलब्ध नहीं हो सके हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी की देखरेख में संचालित इस योजना का प्रचार-प्रसार तथा शिविरों की सूचना आमजन तक नहीं पहुंचने के कारण पात्र वंचित लोग दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। हैरत की बात यह है जब कभी भी गोल्डन कार्ड एवं रजिस्ट्रेशन को लेकर शिविर लगाने की तैयारी की जाती है तो उसे भी सार्वजनिक न करने से ही लोग भटक रहे हैं।
जागरण संवाददाता, इटावा : आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को लागू हुए 10 माह गुजर गये हैं और अभी भी जनपद के तकरीबन 10 हजार पात्रों को ग्रीन कार्ड उपलब्ध नहीं हो सके हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी की देखरेख में संचालित इस योजना का प्रचार-प्रसार तथा शिविरों की सूचना आमजन तक नहीं पहुंचने के कारण पात्र वंचित लोग दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। हैरत की बात यह है जब कभी भी गोल्डन कार्ड एवं रजिस्ट्रेशन को लेकर शिविर लगाने की तैयारी की जाती है तो उसे भी सार्वजनिक न करने से ही लोग भटक रहे हैं।
राजग सरकार के प्रथम कार्यकाल के अंतिम वर्ष में 23 सितंबर 2018 को संपूर्ण देश में एक साथ इस योजना का शुभारंभ किया गया था। इस योजना के तहत गरीब एवं गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को वर्ष में पांच लाख तक का निश्शुल्क उपचार की सुविधा दी जाती है। जनपद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी किए गये 72,535 गोल्डन कार्ड मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय को उपलब्ध करा दिए गए थे, 10 महीने में विभाग के नोडल अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने द्वारा तकरीबन 63 हजार कार्ड वितरित किया जाना बताया है, जबकि धरातल पर आज भी हजारों पात्र योजना का लाभ पाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं।