सामुदायिक शौचालयों से महिलाओं को मिलेगा रोजगार
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को इस काम के लिए प्राथमिकता दी जाएगी सरकार मासिक और छमाही बजट उपलब्ध कराएगी
जागरण संवाददाता, एटा: सामुदायिक शौचालयों के बनने से महिलाओं को रोजगार मिल सकेगा। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को इस काम के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। इन शौचालयों पर साबुन, पोंछा, सफाई के लिए भी सरकार मासिक और छमाही बजट उपलब्ध कराएगी। इससे शौचालयों का रखरखाव ठीक से हो सके।
जिले में सामुदायिक शौचालय निर्माण पर सरकार ने मोटा बजट खर्च किया है। प्रत्येक ग्राम पंचायत पर एक सामुदायिक शौचालय तैयार कराना सरकार की प्राथमिकता है। उसी को लेकर जिले में महिला और पुरुषों के लिए सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है। उसकी देखरेख करने के लिए महिला शौचालयों पर महिलाओं की तैनाती करने का जिला पंचायत राज विभाग को आदेश दिया है। उसी सरकारी आदेश को लेकर शौचालयों पर तैनाती के लिए महिलाओं की तलाश शुरू कर दी गई है। डीपीआरओ आलोक कुमार प्रियदर्शी ने कहा कि शौचालयों के रखरखाव को सरकार की तरफ से मासिक और छमाही पर बजट दिया जाएगा। सफाई कर्मचारी के लिए छह हजार रुपये प्रति माह, झाडू, ब्रश, पोंछा के लिए 12 सौ रुपये प्रति छह माह, साबुन वाशिग पाउडर, हारपिक, मास्क के लिए एक हजार रुपये प्रति माह और पानी, बिजली के लिए भी एक हजार रुपये प्रति माह देने का सरकार ने निर्धारण किया है। नौ हजार रुपये सामुदायिक शौचालयों के रखरखाव पर सरकार खर्च करेगी। इन शौचालयों पर होने खर्च का भुगतान 15वें एवं राज्य वित्त आयोग से किया जाएगा। जिले में 576 ग्राम पंचायतों पर सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा।