लक्ष्य से पहले ही गेहूं क्रय एजेंसियां हुईं ढेर
एटा जासं। जून में जहां शासन का पूरा जोर गेहूं खरीद के लक्ष्य को पूरा करने पर है। वहीं जिले में गेहूं खरीद कर रहीं क्रय एजेंसियों के अरमान ढेर हो गए हैं। जून में चार फीसद भी खरीद की बढ़ोतरी भी पूरी नहीं हो पाई है। उधर मंडियों में लगे आढ़तियों के यहां गेहूं के ढेर सरकारी क्रय एजेंसियों को चिढ़ा रहे हैं। गेहूं सरकारी केंद्रों पर न पहुंचने को लेकर प्रशासन भी किसी कार्य योजना के बजाय चुप्पी साधकर बैठा है।
एटा, जासं। जून में जहां शासन का पूरा जोर गेहूं खरीद के लक्ष्य को पूरा करने पर है। वहीं जिले में गेहूं खरीद कर रहीं क्रय एजेंसियों के अरमान ढेर हो गए हैं। जून में चार फीसद भी खरीद की बढ़ोतरी भी पूरी नहीं हो पाई है। उधर मंडियों में लगे आढ़तियों के यहां गेहूं के ढेर सरकारी क्रय एजेंसियों को चिढ़ा रहे हैं। गेहूं सरकारी केंद्रों पर न पहुंचने को लेकर प्रशासन भी किसी कार्य योजना के बजाय चुप्पी साधकर बैठा है।
जनपद में इस साल गेहूं खरीद के लिए प्रशासन द्वारा तैयारियां तो काफी की गई, लेकिन अब धीरे-धीरे सरकारी एजेंसियां ही शिथिल पड़ती नजर आ रही हैं। जून में अब तक का हाल यह है कि 90 क्रय केंद्रों के द्वारा भी 4 फीसद भी लक्ष्य में बढ़ोतरी पूरी नहीं की जा सकती है। 31 मई को जहां सरकारी क्रय एजेंसियों ने 59.84 फीसद लक्ष्यपूर्ति की थी। वह 11 जून तक सिर्फ 3.99 फीसद वृद्धि के साथ 63.83 फीसद तक पहुंच चुकी है। इस बार सभी एजेंसियों को 60500 मीट्रिक टन का लक्ष्य दिया गया था। 2018 में 11 जून तक 55791 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था। इस बार यह खरीद अभी तक 38623 मीट्रिक टन पर ही अटकती नजर आ रही है। विवादों से भी खरीद प्रभावित
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जिम्मेदार भले ही सरकारी व मंडी मूल्य में समानता को गेहूं खरीद थमने का कारण बता रहा हो। दूसरी ओर क्रय एजेंसियों और जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों के मध्य विवाद से भी असर पड़ा है। कुछ दिन पहले ही सहकारी समितियों के कर्मचारियों ने खरीद के नाम पर वसूली जैसे आरोप लगाए थे। उसी के बाद खरीद कम हो रही है। डिप्टी आरएमओ प्रज्ञा शर्मा का कहना है कि खरीद बढ़ाने को प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक गेहूं खरीद की स्थिति मीट्रिक टन में
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क्रय एजेंसी केंद्र लक्ष्य खरीद
खाद्य विभाग 7 5500 3478
पीसीएफ 58 35500 22689
पीसीयू 19 11000 8586
क. कल्याण निगम 3 6000 2232
यूपी एग्रो 3 2500 1636