..आखिर क्या है पालिका में सभासदों का वजूद?
जागरण संवाददाता, एटा: नगर पालिका में अपने वजूद को लेकर नए सभासदों का दर्द शनिवार को छलक
जागरण संवाददाता, एटा: नगर पालिका में अपने वजूद को लेकर नए सभासदों का दर्द शनिवार को छलक उठा। पहली बोर्ड बैठक में उन्होंने व्यवस्था और कर्मचारियों की निरंकुशता पर तमाम सवाल खड़े किए।
चुनाव बाद नए पालिका बोर्ड की पहली बैठक पालिका के सभाकक्ष में शनिवार को आयोजित कराई गई। पालिकाध्यक्ष मीरा गांधी के प्रतिनिधि के रूप में पूर्व पालिकाध्यक्ष राकेश गांधी ने सबको आश्वासन दिया कि अकेले कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा, सबकी सहमति से ही हर छोटा-बड़ा फैसला होगा।
मी¨टग शुरू होते ही सभासदों ने समस्याएं-शिकायतें गिनाना शुरू कर दीं। वार्ड 18 के सभासद रियाज अहमद ने कहा कि वार्ड 18 में गंदगी व्याप्त है, नल खराब हैं। कोई सुनने को तैयार नहीं। वार्ड 2 के सभासद विशेष कुमार ने पूरे सदन का ध्यान खींचते हुए कहा कि लोग हमसे पूछते हैं कि तुम्हें चुनकर हमने क्यों भेजा है? जब सफाई जैसा काम तक नहीं कराआओ तो तुम्हारा क्या महत्व है? वार्ड क्षेत्र में नालियां ओवरफ्लो हैं, गंदगी के अंबार लगे हैं और कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं। वार्ड 5 के सभासद प्रतिनिधि वारिश ने कहा कि सफाई की स्थिति बहुत खराब है। टोकने पर सफाईकर्मी झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। सफाई नायक, सफाई निरीक्षक से लेकर बाबुओं तक से मिले, लेकिन कोई कुछ सुनने-समझने को तैयार नहीं होता। आखिर चेयरमैन ही बताएं कि पालिका में सभासदों का क्या वजूद है?
दोबारा चुने गए सभासद दिलीप पचौरी बिट्टू ने शहर की दो गंभीर समस्याएं उठाई। कहा, अतिक्रमण अभियान के नाम पर केवल गरीबों के ठेल-खोमचे हटा दिए जाते हैं। होटल, मॉल, कोठियों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है? रोडवेज बस स्टैंड पर चल रहे शौचालय का सैप्टिक टैंक ही नहीं है। इन हालातों में वार्ड के लोग आंदोलन कर सकते हैं। वार्ड 9 के सभासद सुनील यादव ने सभी सभासदों के अधीन दो-दो सफाईकर्मी किए जाएं। जिससे जरूरत के मुताबिक कार्य कराया जा सके। पूर्व पालिकाध्यक्ष ने सभी सभासदों से तीन दिन में प्रस्ताव प्रस्तुत करने की बात कहकर मी¨टग का समापन किया। इस दौरान ईओ लोकेंद्र ¨सह, कर अधीक्षक सोवरन ¨सह सहित अन्य कर्मचारी व सभासद मौजूद रहे।
नहीं बोलीं पालिकाध्यक्ष, महिला सभासद भी रहीं खामोश
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पहली मी¨टग के दौरान नई पालिकाध्यक्ष मीरा गांधी ने किसी मुद्दे पर अपनी राय नहीं रखी। यहां तक कि अध्यक्षीय संबोधन भी नहीं दिया। पूरी बैठक के दौरान वे चुपचाप बैठी रहीं और उनके प्रतिनिधि बने पति, पूर्व पालिकाध्यक्ष राकेश गांधी मी¨टग की कार्रवाई कराते रहे। इस दौरान मौजूद महिला सभासद में से भी कोई अपनी बात रखने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। चुनी गईं कुल 10 में से तीन महिला सभासद तो बैठक में आईं ही नहीं।
एजेंडा, आय-व्यय पर नहीं हुई चर्चा
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पहली बैठक के दौरान सभासदों को शहर के विकास पर चर्चा और प्रस्तावों को लेकर उत्साह था। पालिका की ओर से 11 सदस्यीय एजेंडा और पांच महीने के आय-व्यय का ब्योरा भी तैयार कराया गया था। जो सभासदों को बांटा भी गया। लेकिन बैठक में एजेंडा और आय-व्यय पर कोई चर्चा नहीं हुई। परिचयात्मक बैठक का नाम देकर इसका समापन कर दिया गया।
बैठक के बाद पहुंचे विधायक
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बोर्ड बैठक संपन्न होने के बाद सदर विधायक विपिन वर्मा डेविड नगर पालिका पहुंचे। वहां मौजूद पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि श्री गांधी से उन्होंने बैठक की कार्रवाई और शहर के विकास को लेकर प्रस्ताव, योजनाओं आदि पर चर्चा की। अपने स्तर से पूरा सहयोग देने की बात भी कही।
शस्त्र लेकर मी¨टग हॉल में पहुंच गए गनर
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बैठक के दौरान एक और अजीबोगरीब स्थिति नजर आई। दो गनर सभाकक्ष में घुस आए। पूरी मी¨टग की कार्रवाई में ये दोनों मौजूद रहे। जबकि इस तरह की बैठकों में सुरक्षा कारणों से शस्त्र लेकर आने की मनाही होती है।