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हर ओर पानी, फिर भी परेशानी

एटा: कभी देश-प्रदेश की सरकारें बदलीं तो कभी शहर की सत्ता में बदलाव हुआ। लेकिन इस्लाम नगर में पानी की समस्या से मुक्ति कोई नहीं दिला सका।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Apr 2018 06:09 PM (IST)Updated: Thu, 05 Apr 2018 06:09 PM (IST)
हर ओर पानी, फिर भी परेशानी
हर ओर पानी, फिर भी परेशानी

जागरण संवाददाता, एटा: कभी देश-प्रदेश की सरकारें बदलीं तो कभी शहर की सत्ता में बदलाव हुए। शहर के मुहल्ला इस्लाम नगर का नसीब नहीं बदल सका। अन्य समस्याओं के अलावा यहां के बा¨शदों के लिए पानी की दिक्कत बड़ी मुसीबत है। गलियों में हर ओर पानी ही पानी नजर आता है। गंदे पानी से डूबी गलियों में रहने वाले लोगों को जरूरत का साफ पानी जुटाने का संकट छाया रहता है।

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मुहल्ला इस्लाम की यह दुर्दशा कोई नई नहीं है। यहां के बा¨शदे वर्षों से इस नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। पानी की कहीं उचित निकासी नहीं है। बड़े-बड़े नाले तो बन गए, लेकिन पानी का निकास बाहर की ओर होने के बजाए अंदर मुहल्ले है। अधिकांश गलियों में गंदा पानी, कीचड़ जमा है। एक ओर जहां गंदे पानी से लोगों को परेशानी है तो दूसरी ओर साफ पानी न मिलने की टीस भी यहां के नागरिकों को है। पुरानी एक-दो गलियों तक तो नगर पालिका की पाइन लाइन बिछी है। नई बसी आबादी में यह सुविधा नहीं है। खैर पाइप लाइन होने का लाभ तो पुरानी आबादी को भी नहीं मिल रहा। पानी की आपूर्ति न पहुंचने से ये बस दिखावा ही है। वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में मुहल्ले में दर्जन भर हैंडपंप लगे हैं, इनमें से पांच खराब हैं। कई गलियां ऐसी हैं, जिनके आसपास चालू हैंडपंप नहीं हैं। ऐसे में लोगों को दूसरे इलाकों के हैंडपंपों से पानी भरकर घरों तक ढोना पड़ता है।

लोग बोले

अधिकांश क्षेत्र में पानी की पाइन लाइन ही नहीं है। जहां लाइन हैं, वहां पानी नहीं आता। हैंडपंप भी खराब हैं। हम लोगों को दूर-दूर से पानी भरकर लाना पड़ता है।

- नसरीन

गलियों में कीचड़ और जलभराव से पैदल चलना मुश्किल होता है। ऐसे में इन गलियों से बाल्टियों आदि में पानी ढोकर लाना किसी चुनौती से कम नहीं है।

- अनवरी

यदि इलाके में पाइप लाइन बिछाकर घर-घर कनेक्शन दिए जाएं तो लोगों को पानी की बहुत बड़ी सुविधा मिलेगी। लेकिन हम लोगों की सुनवाई कहां होती है।

- शबनम

अधिकांश परिवार मेहनत-मजदूरी वाले हैं। पुरुष सुबह से काम पर चले जाते हैं और रात में लौटते हैं। ऐसे में महिलाओं और बच्चों को पानी भरकर लाना पड़ता है।

- अफसाना बेगम


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