चुनाव से पहले ही कागजों से जंग
केस एक ब्लाक जैथरा के दहेलिया में कुछ लोगों ने शिकायत करते हुए प्रधान पर सरकारी स्कू
केस एक: ब्लाक जैथरा के दहेलिया में कुछ लोगों ने शिकायत करते हुए प्रधान पर सरकारी स्कूल को तुड़वाकर सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने का आरोप लगाया। जांच को अधिकारी दौड़े तो स्कूल सही सलामत पाया गया। शिकायत झूठी निकली और अधिकारी बेवजह दौड़े।
केस दो: शीतलपुर विकासखंड के गांव बहादुरपुर में स्कूल निर्माण में अनियमितता की शिकायत की गई। इस शिकायत के बाद मामला तो सही पाया गया, लेकिन विभाग की मिलीभगत से दोषी प्रधान व अन्य के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर अब भी शिकायतें जारी हैं।
जागरण संवाददाता, एटा: पंचायत चुनाव को लेकर भले ही अभी आरक्षण का इंतजार किया जा रहा हो, लेकिन इन दिनों निवर्तमान प्रधानों के विरुद्ध प्रतिद्वंदी गांव की जंग कागजों पर खुलेआम चल रही है। कुछ सही तो गलत कागजी शिकायतें जांच करने वाले अधिकारियों को भी छका रही हैं। कुछ जांच अधिकारी अपने भले के लिए भी दौड़ रहे हैं।
यहां बता दें कि पंचायत चुनाव को लेकर वैसे तो एक महीने से ही ग्रामीण क्षेत्रों में सरगर्मियां तेज हो गई हैं। अभी आरक्षण तय नहीं हुआ, लेकिन संभावित दावेदार खुद को मतदाताओं के समक्ष प्रत्याशी के रूप में पेश करने लगे हैं। मतदाताओं को आकर्षित करने का चुनाव से पहले एक तरीका निवर्तमान ग्राम प्रधानों की खिचाई करने का भी है। वैसे तो एक महीना पहले से ही विकास कार्यों में धांधली तथा पक्षपात के अलावा अन्य तमाम मामलों को लेकर शिकायतें शुरू हो चुकी हैं, लेकिन मतपत्र के जरिए होने वाली चुनावी जंग फिलहाल शिकायती पत्रों पर चल रही है। संभावित दावेदार निवर्तमान प्रधानों के कार्यकाल की खामियां तथा अनियमितताओं को कुछ सही तो मनगढ़ंत तैयार कर शिकायती पत्र को प्रशासन तक पहुंचा रहे हैं। शिकायतों का दौर सिर्फ विकास विभाग या पंचायती राज विभाग तक ही नहीं है, बल्कि शिक्षा विभाग, वन विभाग के अलावा जिन सरकारी योजनाओं से ग्राम पंचायतों का संबंधी कर रहा है सभी विभागों में शिकायतें बढ़ रही हैं। विकास विभाग और पंचायती राज विभाग में ही एक महीने में 600 से ज्यादा शिकायतें आई हैं। 55 शिकायतें शिक्षा विभाग तो इसके अलावा शिकायतों से चुनावी जंग तमाम विभागों के अधिकारियों की भी परेशानी बढ़ाए है। शिकायतों की जांच भी तेजी से कराई जा रही है, लेकिन कुछ शिकायतें सही तो तमाम चुनाव को लेकर निवर्तमान प्रधान से टसल वाली भी है। कुछ तो अधिकारी भी इन शिकायतों की आड़ में अपने स्वार्थों की पूर्ति कर रहे हैं। सीडीओ अजय प्रकाश का कहना है कि शिकायतों का वास्तविक परीक्षण कराया जा रहा है। तमाम शिकायतें गांव की राजनीति से भी प्रेरित हैं।