आवेदनों की कतार पर आलू बीज का इंतजार
अ'छी प्रजातियों का सरकारी आलू बीज इस साल भी चाहने वाले हर किसान को नसीब होता नजर नहीं आ रहा। बीज के लिए सैकड़ों किसानों की कतार है। उपलब्धता के अभाव में अभी तक बीज का वितरण शुरू नहीं हो सका।
जागरण संवाददाता, एटा: अच्छी प्रजातियों का सरकारी आलू बीज इस साल भी चाहने वाले हर किसान को नसीब होता नजर नहीं आ रहा। बीज के लिए सैकड़ों किसानों की कतार है। उपलब्धता के अभाव में अभी तक बीज का वितरण शुरू नहीं हो सका। उम्मीद छोड़ तमाम किसान अब पुरानी आलू की स्थानीय प्रजातियों पर ही दांव लगा रहे हैं।
पिछले सालों की तरह इस साल भी उद्यान विभाग ने एक महीने पहले से किसानों को बीज लेने के लिए आवेदन का प्रचार प्रसार किया। 110 आवेदन कुछ दिन में ही आ गए। वहीं 300 से अधिक किसान अपनी उम्मीदों को लेकर इसी इंतजार में हैं कि ज्यादा बीज आए तो वह भी कतार में लगें।
इस साल जिले में 8 हजार हेक्टेयर आलू उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है। इसके सापेक्ष चिप्सोना व अन्य प्रजातियों का सिर्फ 600 कुंतल बीज जिले को आवंटित किया गया। अब हाल यह है कि 25 अक्टूबर तक किसानों को बीज मिलने की बात कही गई , लेकिन बीज अप्राप्त होने की स्थिति में किसान इसलिए चक्कर काट रहे हैं कि कहीं अनदेखी में बीज गायब न हो जाए। तमाम किसान तो अब शीतगृहों या स्थानीय बीज को ही खरीदकर रोपाई करने का मूड बना चुके हैं। किसान हरिकिशन ने बताया कि सोचा तो यही था कि नई प्रजातियों से लाभ मिलेगा तो ट्रायल कर ली जाए, लेकिन बीज के ही लाले पड़े हैं। मानिकचंद्र का कहना था कि इंतजार से भला अपने ही पुराने बीज को प्रयोग में लाना उचित है। ---
बीज प्राप्ति के लिए विभागीय कर्मचारी को भेजा जा चुका है। प्राप्त होते ही पहले आओ पहले पाओ के आधार पर आवेदकों को बीज वितरित कराया जाएगा।
नलिन सुंदरम भक्त, डीएचओ इन प्रजातियों का है बीज
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