गांधी मार्केट में व्यापार ठप, नाला बहने से आवागमन बाधित
शहर के सबसे व्यस्ततम बाजारों में शामिल गांधी मार्केट पर इन दिनों ग्रहण लगा है। महंगे कपड़े के शो-रूम जूती-बेली और ब्रांडेड शूज हार्डवेयर इलेक्ट्रानिक्स दवाओं के अलावा प्लास्टिक और क्राकरी की दुकानों के लिए मशहूर इस बाजार में न ग्राहक हैं और न ही व्यापारी। दुकानदार तो खरीदारों के अभाव में हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। डेढ़ माह से उत्पन्न इन हालातों ने यहां के व्यापार को ठप कर दिया है। वजह है गांधी मार्केट के मुख्यमार्ग के जलभराव से उत्पन्न फिसलन की।
एटा, जासं। शहर के सबसे व्यस्ततम बाजारों में शामिल गांधी मार्केट पर इन दिनों ग्रहण लगा है। महंगे कपड़े के शो-रूम, जूती-बेली और ब्रांडेड शूज, हार्डवेयर, इलेक्ट्रानिक्स, दवाओं के अलावा प्लास्टिक और क्राकरी की दुकानों के लिए मशहूर इस बाजार में न ग्राहक हैं और न ही व्यापारी। दुकानदार तो खरीदारों के अभाव में हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। डेढ़ माह से उत्पन्न इन हालातों ने यहां के व्यापार को ठप कर दिया है। वजह है गांधी मार्केट के मुख्यमार्ग के जलभराव से उत्पन्न फिसलन की।
शहर के गांधी मार्केट रोड से क्षेत्राधिकारी नगर, जामा मस्जिद, श्याम नगर, कचहरी रोड और वाटर वर्क्स तक कई इलाके जुड़े हैं। पिछले दिनों यहां मार्ग पर सीवर लाइन डालने के लिए खोदाई कराई गई, जिससे सड़क के नीचे पड़ीं ओवरहैड टैंक के ट्यूबवेल की पाइप लाइन डैमेज हो गईं। हालांकि जलनिगम कर्मियों द्वारा पाइप लाइनों को जोड़ने की खासी मशक्कत की गई, कितु पानी का रिसाव अब तक बंद नही हो सका है। हालात यह हैं कि समूचा मार्ग एक बड़े नाले में तब्दील दिख रहा है। लोगों को आने जाने की परेशानी के अलावा यहां के दुकानदार, शो रूम संचालकों, चिकित्सकों को भी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। खरीददारों से गुलजार रहने वाले इस बाजार में दुकानदार हाथ पर हाथ रखने को विवश हो गए है। व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह चरमरा गईं हैं।
क्या कहते हैं वाशिदे
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-सड़क पर पानी का जमाव होने से घर से निकलना मुश्किल हो गया है। मुख्य सड़क पर नालों का पानी भी उफन कर बह रहा है। पवन सोलंकी
-जल जमाव की समस्या के कारण यहां का व्यापार पूरी तरह ठप हो गया है। खरीददार तो नदारद हैं ही, व्यापारिक गतिविधियां भी शून्य हो गईं हैं। नईम खान
-बच्चे ही नहीं बड़े लोगों को भी आवाजाही में परेशानी उठानी पड़ रही है। मगर जलनिगम अधिकारियों के संज्ञान के बाद भी मार्ग को दुरुस्त नही किया जा रहा। मु. सलीम खान
-इस सड़क पर पैदल चलने के लिए लोगों को सोचना पड़ता है। स्थानीय लोगों को नारकीय जीवन जीना पड़ रहा है। नाला की सफाई तक नहीं की गई है। रामवीर सिंह यादव