जलेसर के गांव जीवाराम में विकास का पहिया जाम
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने किया उपेक्षित जर्जर मार्ग व जलभराव से जूझ रहे गांववासी
जलेसर(एटा), संसू: विकासखंड क्षेत्र जलेसर का गांव नगला जीवाराम जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की उपेक्षा का शिकार है। उबड़-खाबड़ खड़ंजे, गंदी नालियां तथा जलभराव यहां की पहचान बन चुके हैं।
ग्राम पंचायत जलेसर देहात का गांव नगला जीवाराम वर्षों से विकास की राह देख रहा है। गांववासियों का कहना है कि 15 वर्षों में गांव के विकास को कोई भी योजना लागू नहीं हुई। आलम यह है कि गांव के सभी रास्तों पर खड़ंजा उबड़-खाबड़ हो चुके हैं। राह चलने पर अक्सर लोग ठोकर खाकर गिर पड़ते हैं। नालियों में कीचड़ जमा रहता है तथा जलभराव के चलते गलियों से होकर निकलना भी मुश्किल हो जाता है।
15 वर्ष पूर्व तत्कालीन ग्राम प्रधान रहे रामकिशोर तथा डैनी डांसर ने गांव की कुछ गलियों में खड़ंजों का निर्माण कराया था, लेकिन बीते सालों में गांव में कोई भी विकासपरक कार्य न होने के कारण पुराने खड़ंजे अब जर्जर हो चुके हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान गुड्डी देवी ने चुनाव के बाद कभी भी गांव की ओर रुख तक नहीं किया है। प्रधान दूसरे गांव से होने के कारण उनके गांव की उपेक्षा की जा रही है। पूरा गांव बदहाल है। कोई भी नेता गांव के विकास की ओर ध्यान नहीं देता। विकासपरक योजनाएं लागू हो तो बात बने।
- रामनाथ गांव की गलियां पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं। उन पर चलना भी मुश्किल है। लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया।
- रक्षपाल
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गांव की गलियों में इंटरलॉकिग कराए जाने की बेहद आवश्यकता है। हर बार जनप्रतिनिधि महज आश्वासन ही दे जाते हैं।
- उमेश प्रधान दूसरे गांव की होने के कारण इस गांव के विकास पर ध्यान नहीं देती। अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
- महेंद्र