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गांव की सरकार: पांच सालों में नहीं हो पाया दरबपुर का बेड़ा पार

बरई पंचायत के दरबपुर में तमाम समस्याएं भदवास और कंचनगढ़ी का लिक मार्ग वर्षों से बदहाल

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Mar 2021 06:27 AM (IST)Updated: Tue, 09 Mar 2021 06:27 AM (IST)
गांव की सरकार: पांच सालों में नहीं हो पाया दरबपुर का बेड़ा पार
गांव की सरकार: पांच सालों में नहीं हो पाया दरबपुर का बेड़ा पार

संसू, मारहरा (एटा): बरई ग्राम पंचायत में समस्याओं की लंबी सूची है। पंचायत के गांव दरबपुर की गलियों में हमेशा जलभराव रहता है। सभी सोलर लाइटें खराब पड़ी हैं। तालाब पर ग्रामीणों ने ही अतिक्रमण कर रखा है। गांव से भदवास और कंचनगढ़ी वाला लिक मार्ग भी वर्षों से बदहाल पड़ा है। पांच-पांच साल रहने वाली गांव की सरकार ग्रामीणों को समस्याओं से राहत नहीं दिला सकी है।

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निधौली कलां विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत बरई के गांव दरबपुर की अधिकांश नालियां व खड़ंजे क्षतिग्रस्त हैं। घरों का गंदा पानी और कीचड़ गलियों में भरी रहती है। प्रकाश व्यवस्था के लिए गांव में लगभग दर्जनभर सोलर लाइटें लगवाई गई थीं, लेकिन लंबे अरसे से खराब पड़ी हैं। गांव के तालाब पर किसी ने बुर्जी, बिटोरे और झोंपड़ी बना ली है, तो कोई अपने पशु बांधता है। तालाब सूखने के कारण गर्मियों में पशुओं की प्यास बुझाना, पशुपालकों के लिए चुनौती बन जाता है।

दरबपुर से भदवास और कंचनगढ़ी वाले लिकमार्ग आज भी कच्चे हैं। बरसात के दिनों में यह रास्ते तालाब का रूप ले लेते हैं। गांव स्थित एमपीडीपी स्कूल पहुंचने का यही एक मात्र रास्ता है। गांव के सैकड़ों नौनिहाल स्कूल पहुंचने के लिए अपने जूते, चप्पल और बस्ते हाथों में पकड़ कर, कीचड़भरा दलदल पार करते हैं।

गांव के कच्चे मार्गों पर पक्के निर्माण के लिए ग्राम पंचायत प्रधान से लेकर जिला मुख्यालय तक फरियाद कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। विकास के नाम पर दरबपुर, पंचायत का सबसे पिछड़ा गांव बन चुका है।

वीरेश कुमार गांव में हर ओर कीचड़ और गंदगी के ढेर लगे रहते हैं। इससे कि गर्मियों के मौसम में संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यहां तैनात सफाईकर्मी को आज तक सफाई करते नहीं देखा है।

रूकुमपाल सिंह गांव के तालाब पर दबंगों ने ही अतिक्रमण कर रखा है। इसे मुक्त कराने के लिए कई बार प्रशासन से फरियाद की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पशुओं की प्यास बुझाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

टिकू यादव स्कूल का मुख्य मार्ग बदहाल है। बरसात के दिनों में पूरे रास्ते पर पानी भर जाता है। इसमें स्कूली बच्चे आये दिन गिर जाते हैं। मार्ग पर बने जानलेवा गड्ढे कभी भी, किसी बड़े हादसे का सबब बन सकते हैं।

शिवम कुमार पंचायत में सड़कों पर सीसी और इंटरलाकिग कराई गई है। शौचालय से लेकर पेंशन और ओवरहेड टैंक योजना का लाभ भी ग्रामीणों को दिलाया गया है। भदवास, कंचनगढ़ी वाले मार्गों पर डामरीकरण होना है, जोकि क्षेत्रीय विधायक के अधिकार क्षेत्र में है। पंचायत के पांच तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराया जा चुका है। दरबपुर स्थानीय गुटबंदी हावी रहती है इसलिए तालाब का विकास नहीं हो पाया। कई अन्य विकास योजनाओं पर काम चल रहा था कि कार्यकाल समाप्त हो गया।

- वीनेश कुमार, प्रधान

पंचायत में कोई भी विकास कार्य निष्पक्षता के साथ नहीं कराया गया है। सफाई व्यवस्था पूरी तरह से फेल है। नाली और खडं़जों की हालत बद से बदतर हो चुकी है। गलियां दलदल बन गई हैं। पंचायत में तमाम लोग आज भी शौचालय जैसी सुविधा के लिए तरस रहे हैं। गांव के आधे से ज्यादा हैंडपंप खराब पड़े हैं, जिससे पेयजल की समस्या भी हमेशा बनी रहती है।

- अखिलेश कुमारी, पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहीं यह हैं प्रमुख समस्याएं

- गांव के तीन मार्ग बन चुके हैं दलदल

- चालू हालत में नहीं एक भी सोलर लाइट

- पूरे तालाब पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा बरई पंचायत

कुल आबादी-30 हजार

वोटर-10 हजार

पुरुष वोटर-छह हजार

महिला वोटर-चार हजार

शौचालय-400

पेंशनधारक- 500


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