लॉकडाउन का पालन संग हुई वट सावित्री पूजा
जागरण संवाददाता एटा लॉकडाउन की बंदिशों के बावजूद भी जेष्ठ मास की अमावस्या को वट साि
जागरण संवाददाता, एटा: लॉकडाउन की बंदिशों के बावजूद भी जेष्ठ मास की अमावस्या को वट सावित्री पूजा के प्रति महिलाओं की श्रद्धा कम नहीं रही। भले ही जगह-जगह वट वृक्षों के आसपास माता-बहनों की भीड़ लॉकडाउन के कारण नहीं रही, लेकिन पहले से ही की गई प्लानिग के साथ उन्होंने घर में ही पूजा अर्चन कर स्वजनों की दीर्घायु की कामना की। ग्रामीण क्षेत्रों में भी लॉकडाउन का पालन करते हुए वट अमावस्या की पूजा की गई।
इस बार जेष्ठ अमावस्या पर वट सावित्री पूजा व्रत को लेकर काफी असमंजस महिलाओं में रहा। शारीरिक दूरी बनाए रखने तथा धार्मिक स्थलों पर पूजा अर्चना की। बंदिशें उन्हें पर्व के प्रति श्रद्धा से न रोक सकी। सुबह ही स्नान आदि से निवृत्त होकर माता-बहनों ने घर में ही पूजा की तैयारी की। तमाम घरों में वटवृक्ष की डाली तोड़ कर लाई गई और उसे गमलों में लगाने के साथ वट वृक्ष की पूजा महिलाओं ने श्रद्धा पूर्वक की। जो महिलाएं वट वृक्ष की शाखा नहीं पा सकीं तो उन्होंने घर में ही ऑनलाइन वटवृक्ष की आभासी तौर पर पूजा की। गांव देहातों में जहां भी बट वृक्ष थे, वहां पूजा के लिए महिलाओं ने झुंड तो नहीं लगाए, लेकिन क्रमिक रूप से उन्होंने भी लॉक डाउन का पालन करते हुए शारीरिक दूरी बनाते हुए पूजा की।
शहर की मानसरोवर कॉलोनी में घर-घर वटवृक्ष की डाली से पूजा की गई। इस बार तो इस विशेष पूजा के इतिहास और जुड़ी हुई कथाओं के बारे में भी महिला श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन जानकारी ली। आचार्य कौशल जी ने बताया कि वट अमावस्या पूजा का उद्देश्य पूरा करने के लिए महिलाओं को एक-एक पेड़ लगाकर तथा उसकी सुरक्षा मात्र से भी काफी पुण्य मिल सकता है। पूजा का फल श्रद्धा से है न कि साधनों से। जलेसर, अवागढ़, जैथरा, राजा का रामपुर, अलीगंज, मारहरा, मिरहची, निधौली कलां, सकीट आदि क्षेत्रों में भी जेठ अमावस्या मनाई गई।