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वैभव आइएससी व मयंक बने आइसीएसई टॉपर

काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन द्वारा शुक्रवार

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 10:05 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 06:04 AM (IST)
वैभव आइएससी व मयंक बने आइसीएसई टॉपर
वैभव आइएससी व मयंक बने आइसीएसई टॉपर

एटा, जागरण संवाददाता: काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन द्वारा शुक्रवार शाम आईएससी (12वीं) तथा आईसीएसई (10वीं) का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया। संबंधित बोर्ड के जिले में एकमात्र बीपीएस पब्लिक स्कूल के छात्र वैभव कुशवाह ने आईएससी में 91.4 फीसद अंक पाकर टॉप किया है। वहीं आइसीएसई में मयंक यादव ने 95.5 फीसद अंकों के साथ टॉपर बने हैं।

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इस बार फरवरी में शुरू हुईं आइएससी तथा आइसीएसई की परीक्षाएं मार्च में पूर्ण होने को थीं, लेकिन इससे पहले ही लॉकडाउन हो गया। इस कारण आइसीएसई परीक्षार्थियों के 5 तथा आइएससी के 2 प्रश्नपत्र नहीं हो सके। इसके बाद 1 जुलाई से शेष रही परीक्षाएं प्रस्तावित थीं, लेकिन अंत में परीक्षाएं नहीं कराई गईं और संबंधित विषयों में प्री बोर्ड के आधार पर मार्किंग कर दी गई। अब 10 दिन में ही आइएससी और आइसीएसई के परिणाम घोषित किए जाने की परीक्षार्थियों को जानकारी हुई तो परीक्षार्थियों में भी परीक्षाफल जानने को लेकर सुबह से ही खासा उत्साह था। संबंधित बोर्ड से संबंद्ध मुख्यालय स्थित बीपीएस पब्लिक स्कूल में सिर्फ टॉपर ही बुलाए गए। शाम ठीक 3 बजे परीक्षाफल घोषित हुआ तो अपने-अपने परिणाम को देखकर विद्यार्थियों में खुशी दिखाई दी। आइएससी में विद्यालय के छात्र वैभव कुशवाह 91.4 फीसद अंकों के साथ प्रथम रहे। वहीं अंजलि यादव 88.8, मानसी गुप्ता 87.8, दीक्षा यादव 87.4, गौरी शर्मा 86.4 फीसद अंक पाकर टॉप-5 में शामिल हुए।

दूसरी ओर आइसीएसई के छात्र मयंक यादव ने 95.5 फीसद अंक पाकर टॉप किया। सुमित यादव 91.8, आदित्य माथुर 90.5, हर्ष कुशवाह 90.17 तथा सौरभ यादव 86.8 फीसद अंक पाकर पहले से पांचवें पायदान पर क्रमश: रहे। विद्यालय के निदेशक डा. अशोक कुमार, प्रिसिपल प्रतिभा श्रीवास्तव, एमके शर्मा, शिक्षक अभिषेक दुबे, अखिलेश कुमार, सुरेंद्र सिंह, गुरजोत सिंह, अमिता मिश्रा, सोनल सिंह ने टॉपर्स को बधाई देते हुए मिष्ठान खिलाया। रही परीक्षा रद होने की टीस

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परीक्षार्थियों का कहना रहा कि यदि उनकी शेष रहीं परीक्षाएं होतीं तो अंक ज्यादा आते। प्री बोर्ड में वैसे भी ज्यादा दिलचस्पी नहीं ली जाती। इस कारण कुछ कम अंक रहे। फिर भी रिजल्ट आने के बाद राहत मिली।


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