गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की शामत, दिनभर चली छापेमारी
एटा: जिले में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को लेकर प्रशासन सख्त हुआ है। जिलाधिकारी के निर्देश पर उन पर छापे मार कर बंद करने की कार्रवाई की गई।
जागरण संवाददाता, एटा: जिले में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को लेकर प्रशासन सख्त हुआ है। जिलाधिकारी अमित किशोर के निर्देश के बाद शनिवार को अलीगंज व शीतलपुर ब्लॉकों में शिक्षाधिकारियों ने अपनी टीम के साथ स्कूलों पर छापे मारे।
शनिवार को अलीगंज क्षेत्र में सुबह से ही एबीएसए भारती शाक्य व न्याय पंचायत समन्वयकों की टीम ने चिन्हित किए गए स्कूलों में छापा मारी शुरू कर दी। इस दौरान आरबीएस उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पिपरगांव, चौधरी अनार ¨सह प्राथमिक विद्यालय बिल्सड़ पट्टी, रामदास कलावती देवी शिक्षण संस्थान कपोड़ा, श्रीमती सूरज देवी पब्लिक स्कूल फरदपुरा, जन कल्याण दीप उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खरसौली तथा जेडी जनकल्याण प्राथमिक विद्यालय नगला पड़ाव को मौके पर ही बंद करा दिया। वहीं संचालकों से विद्यालय बंद करने का शपथपत्र भी लिए। छापेमारी के दौरान कुछ स्कूलों में अमान्य रूप से कक्षाएं संचालित होती मिलीं। संबंधित सात विद्यालयों को नोटिस देकर तत्काल अमान्य कक्षाएं बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
दूसरी ओर शीतलपुर ब्लॉक में खंड शिक्षाधिकारी नीरजा चतुर्वेदी ने भी गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में पहुंचकर तत्काल विद्यालय बंद करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्कूल संचालकों, बच्चों तथा अभिभावकों से भी बातचीत की। स्कूल बंद होने की स्थिति में अभिभावकों से परिषदीय स्कूलों में उनका नामांकन कराने की बात कही। इस मध्य माया देवी पब्लिक स्कूल, रारपट्टी, अभयनंदन मिश्रा पब्लिक स्कूल, रारपट्टी, श्रीराम¨सह यादव प्राथमिक स्कूल, नगला मदिया तथा आरबी पब्लिक स्कूल नगला केवल पर मान्यता के कोई भी कागजात नहीं मिले। ऐसी स्थिति में उन्हें नोटिस जारी कर स्कूल बंद कर दो दिन में शपथपत्र देने के निर्देश दिए गए हैं। कार्रवाई का असर जलेसर, अवागढ़, सकीट, निधौलीकलां ब्लॉकों में भी दिखाई दिया कि कुछ स्कूल जानकारी के बाद समय से पहले ही बंद हो गए।
एक लाख तक का होगा जुर्माना
डीएम अमित किशोर ने सभी एसडीएम व खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह सुनिश्चित करें कि कोई भी विद्यालय शिक्षा का अधिकार अधिनियम के विपरीत संचालित तो नहीं है, जो भी स्कूल हों, उन्हें चिन्हित किया जाए तथा कार्रवाई अमल में लाई जाए। गैर मान्यता स्कूलों पर एक लाख तक का जुर्माना कानून के तहत तय है। अमान्य स्कूलों के साथ सख्ती से निपटा जाए।