दो सिपाहियों ने कराई थी शातिर को आगरा की सैर
जागरण संवाददाता, एटा: जिला कारागार से दूसरे जिलों में पेशी के लिए ले जाए जाने वाले बंदियों
जागरण संवाददाता, एटा: जिला कारागार से दूसरे जिलों में पेशी के लिए ले जाए जाने वाले बंदियों को पुलिसकर्मी पूरी दरिया दिली दिखाते हैं। ऐसे में अपराधी अपनी फितरत का उपयोग करने से नहीं चूकते। एटा की जेल में बंद शातिर अपराधी द्वारा पेशी के दौरान आगरा पहुंचने के बाद व्यापारी से रंगदारी वसूलने का मामला भी इसी श्रृंखला की कड़ी है। इस बंदी को पुलिस लाइन में तैनात दो सिपाही आगरा लेकर गए थे। दोनों की पहचान हो चुकी है। दोनों सिपाहियों ने आरोपी को निजी गाड़ी में आगरा की सैर कराई और बड़ी ही चालाकी से समय पर एटा आकर आमद भी करा दी।
जिला कारागार से 9 जनवरी को एक हत्या के मामले में निरुद्ध चल रहे गांव विटसरा निवासी सुरेंद्र यादव उर्फ काली प्रधान की आगरा में एक केस में पेशी थी। सुबह 6.30 बजे एटा की पुलिस लाइन से दो सिपाही दोनों के ही नाम दिगम्बर हैं को पेशी के लिए गारद में भेजा गया था। पुलिस लाइन के रजिस्टर में रवानगी का समय दर्ज है। नियमानुसार इन सिपाहियों को रोडवेज बस से पेशी के लिए ले जाना था, लेकिन बंदी ने अपने रसूख के चलते कार मंगा ली और दोनों सिपाही उसे ले जाने के लिए तैयार हो गए। अगर यह पुलिसकर्मी चाहते तो कार से जाने के लिए मना कर सकते थे। इसके बाद बंदी को आगरा की अदालत में पेश किया। कार लेकर यह लोग शाहदरा के मैन बाजार पहुंच गए, जहां व्यापारी मूलचंद्र गुप्ता को बंदी ने उतरकर धमकी दी और दो लाख रुपये की रंगदारी मांगी। यह मुकदमा आगरा के एत्माउद्दौला थाने में दर्ज हो चुका है। थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज होने से पहले एटा पुलिस लाइन के आरआइ चरन पाल से सिपाहियों के बारे में भी जानकारी ली कि कौन पुलिसकर्मी बंदी को लेकर आगरा गए थे। आरआइ का कहना है कि उन्होंने एत्माउद्दौला पुलिस को जानकारी दे दी है कि सिपाहियों ने 9 जनवरी को देर शाम 8.30 बजे आमद करा दी थी। दोनों सिपाहियों के खिलाफ जांच बिठा दी गई है। अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने बताया कि सिपाहियों को बुलाकर पूछताछ की जाएगी। आरआइ से ब्योरा तलब किया गया है।