अद्भुत! दो महीने की बच्ची ने कोरोना को दी मात
जागरण संवाददाता एटा जिस कोरोना के नाम से हट्टे-कट्टे और स्वस्थ लोगों की धड़कनें बढ़ ज
जागरण संवाददाता, एटा : जिस कोरोना के नाम से हट्टे-कट्टे और स्वस्थ लोगों की धड़कनें बढ़ जाती हैं। लोग पॉजिटिव मरीज के पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। ऐसे में इसे अद्भुत ही कहा जाएगा कि अपनी कोरोना पॉजिटिव मां के साथ कोविड अस्पताल में 12 दिन भर्ती रहने के बाद भी दो माह की बच्ची स्वस्थ घर पहुंची है। यह दुधमुंही बच्ची कोरोना से डरने वालों के लिए सकारात्मक की नजीर कही जा सकती है।
शीतलपुर ब्लॉक के गांव जिरसमी की रहने वाली एक महिला कोरोना पॉजिटिव हो गई। इसके एक-एक भतीजा और भतीजी भी 27 मई को पॉजिटिव पाए गए थे। लेकिन महिला की दो महीने की दुधमुंही बच्ची जांच में निगेटिव मिली थी। अफसरों के सामने धर्मसंकट खड़ा हो गया कि इतनी छोटी बच्ची को अलग कैसे रखा जाए? इस सूरत में उसे भी मां के साथ बागवाला स्थित कोविड एल-1 अस्पताल में भेज दिया गया। उम्मीद नहीं थी कि पॉजिटिव मां के साथ रहने पर बच्ची संक्रमण से बच सकेगी। यूं तो विशेष मामलों में किसी एक मरीज को अन्य साधारण मरीजों से अलग कर दिया जाता है। लेकिन मामला ही अलग था। बच्ची को अलग किससे किया जाता? फिर भी सावधानी बरतते हुए अस्पताल प्रशासन ने इन चारों लोगों को एक अलग वार्ड में भर्ती करा दिया। डॉक्टर हर रोज बच्ची की विशेष जांच करते रहे। समय पूरा होने पर जब दूसरी जांच रिपोर्ट 7 जून को सामने आई तो उसमें जहां पॉजिटिव तीनों लोग निगेटिव में तब्दील हो गए थे। वहीं, बच्ची भी संक्रमण से बची रही। उसकी भी रिपोर्ट निगेटिव थी। जिस पर चिकित्सकों ने राहत की सांस ली।
वर्जन
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इतनी छोटी बच्ची को मां से दूर नहीं रखा जा सकता। जिसके चलते उसे संक्रमण से बचाने के लिए कोई विशेष एहतियात भी नहीं बरता जा सका। केवल इस परिवार को अन्य मरीजों से अलग एक वार्ड में रखा गया था। - डॉ. सीएल यादव, नोडल अधिकारी कोविड हॉस्पिटल