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अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल में मरे दो पशु

निधौली कलां, जासं। गोवंश के उचित रखरखाव के लिए सरकार के निर्देश पर बनवाए गए अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल में दो पशु मर गए। इसे लेकर क्षेत्रीय लोगों में रोष है। कई सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध में ब्लॉक कार्यालय परिसर पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। देरशाम तक कोई अधिकारी वहां बातचीत के लिए नहीं पहुंचा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 11:13 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 11:13 PM (IST)
अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल में मरे दो पशु
अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल में मरे दो पशु

निधौली कलां, जासं। गोवंश के उचित रखरखाव के लिए सरकार के निर्देश पर बनवाए गए अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल में दो पशु मर गए। इसे लेकर क्षेत्रीय लोगों में रोष है। कई सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध में ब्लॉक कार्यालय परिसर पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। देरशाम तक कोई अधिकारी वहां बातचीत के लिए नहीं पहुंचा।

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हाल ही में मंडी समिति परिसर में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल का निर्माण कराया गया। कस्बा और आसपास के गांवों से लाकर गोवंशों को रखा गया है। इनमें काफी संख्या में सांड़ भी हैं। दो दिन पहले सांड़ों ने एक बछिया को घायल कर दिया था। इलाज चल रहा था। मंगलवार शाम उसकी मौत हो गई। वहीं मंगलवार रात एक बछड़े को रौंद दिया, उसकी भी मौत हो गई। नगर पंचायत कर्मचारियों ने दोनों के शव वहीं मिट्टी में दबा दिए। बुधवार को भनक लगने पर भाकियू (टिकैत गुट) सहित अन्य कई संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता ब्लॉक कार्यालय जा पहुंचे। जहां प्रदर्शन करते हुए धरना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि जब तक पशुओं के चारा-पानी, ठहराने, इलाज, सफाई आदि की उचित व्यवस्था नहीं की जाती, धरना जारी रहेगा। इस दौरान जिलेदार ¨सह, महीपाल ¨सह, जसवंत ¨सह, जुगेंद्र, देवेंद्र ¨सह, श्याम ¨सह, शेरपाल ¨सह, हरप्रसाद, बेनीराम, सूरजपाल, संजीव यादव आदि मौजूद रहे। चारे-पानी को नहीं सरकारी व्यवस्था

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आश्रय स्थल में पशुओं के चारा-पानी की कोई सरकारी व्यवस्था नहीं है। नगर पंचायत और आम लोगों के व्यक्तिगत योगदान से इसका इंतजाम किया जा रहा है। वहीं, सर्दी में खुले में पशु बंधे होने से उनकी जान को खतरा है।

वर्जन

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चारा-पानी के लिए सरकार से अभी कोई बजट नहीं मिला है। व्यक्तिगत स्तर पर व्यवस्था कराई जा रही है। नर पशु उग्र हैं, जिनसे पशुओं को बचाने के लिए पशुपालन विभाग व अन्य व्यवस्थाओं की जरूरत है।

- देवलाल, चेयरमैन नगर पंचायत


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