हाईवे पर मौत बनकर दौड़ा ट्रक, 500 मीटर घसीटा ई-रिक्शा
जागरण संवाददाता, एटा : हाईवे पर ट्रक ने मौत का ऐसा फर्राटा भरा, जिसने दंपती की जान ले ली।
जागरण संवाददाता, एटा : हाईवे पर ट्रक ने मौत का ऐसा फर्राटा भरा, जिसने दंपती की जान ले ली। ट्रक ने सवारियों से भरे ई-रिक्शा को रौंद दिया। उसे 500 मीटर तक घसीटता चला गया। इस हादसे को देखने वालों के दिल दहल गए। लोगों ने शव रखकर हाईवे पर जाम लागाया।
एटा-कानपुर हाईवे पर दोपहर के वक्त गांव पुरा से एक ई-रिक्शा सवारियां भरकर एटा की ओर आ रहा था। जैसे ही वह सरस्वती विद्या मंदिर के निकट पहुंचा कि तभी तेज रफ्तार से आ रहे ट्रक ने उसे रौंद दिया। यह रिक्शा ट्रक में इस तरह फंसा कि 500 मीटर तक घिसटता चला गया। हादसे में 30 वर्षीय विपिन और 28 वर्षीय उसकी पत्नी ममता की मौत हो गई। ममता ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि उसके पति की मौत जिला अस्पताल में हुई।
हादसे के वक्त रिक्शे में बैठी विपिन की भांजी 13 वर्षीय कुमकुम पुत्री मल्लू एवं बहन आशा पत्नी धर्मजीत दोनों निवासी गांव नगला बिलहरा थाना क्षेत्र ढोलना जनपद कासगंज, 60 वर्षीय रामजीलाल पुत्र विष्णु निवासी जीसुखपुर थाना क्षेत्र बागवाला जनपद एटा सड़क पर जा गिरे। तीनों गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
इस हादसे को जिन लोगों ने देखा , उनके रोंगटे खड़े हो गए। दुर्घटना के बाद ट्रक चालक ने गाड़ी नहीं रोकी और यह जानते हुए भी कि ई-रिक्शा उसमें फंसा हुआ है फिर भी वह ट्रक को दौड़ाता रहा। गनीमत यह रही कि सड़क से गुजर रहे अन्य वाहन चपेट में नहीं आए। बाद में कांशीराम कालोनी के निकट ट्रक चालक गाड़ी खड़ी कर फरार हो गया।
उधर सभी घायलों को जिला अस्पताल लाया गया, जहां से आशा और कुमकुम को आगरा रेफर कर दिया गया है। हादसा इतना भीषण था कि मृतक विपिन का एक पैर पूरी तरह कट गया था। हादसे के शिकार हुए लोगों के परिवारीजनों को जब जानकारी मिली तो वे व तमाम ग्रामीण जिला अस्पताल पहुंच गए और हादसे को लेकर रोष जताने लगे। उन्होंने मोर्चरी में रखे ममता के शव को जबरन वहां से उठा लिया। जब कर्मचारियों ने इसका विरोध किया तो पोस्टमार्टम कर्मियों ¨रकू, विवेक और राजेश के साथ मारपीट कर डाली। यह देख वहां अफरा-तफरी मच गई और ग्रामीणों ने मृतकों के शवों को ले जाकर जिला अस्पताल के सामने जीटी रोड पर रखकर जाम लगा दिया।
जाम में तमाम वाहन फंस गए, सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। पुलिस के समझाने के बावजूद लोग जाम खोलने को तैयार नहीं थे। वे मौके पर ही मुआवजे की घोषणा करवाना चाहते थे। इसके बाद जब किसी तरह जाम नहीं खुला तो सदर विधायक विपिन वर्मा डेविड के भाई एवं पूर्व विधायक प्रजापालन वर्मा मौके पर पहुंच गए। उन्होंने जाम लगाने वालों को समझाया, तब कहीं एक घंटे बाद लोगों ने शवों को सड़क से हटाया और जाम खुल सका। उधर ग्रामीणों द्वारा की गई मारपीट से आहत पोस्टमार्टम कर्मियों ने मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम करने से इंकार कर दिया। उन्होंने मांग रख दी कि जब तक मारपीट करने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं होगी, तब तक वे पोस्टमार्टम नहीं करेंगे। कर्मचारियों ने जिला अस्पताल के मेन गेट का ताला भी लगा दिया ताकि लोग दोबारा शवों को सड़क पर न ले जा सकें।