बैंक कर्मियों की हड़ताल से करोड़ों का लेन-देन प्रभावित
बैंक कर्मियों की हड़ताल से बैंकों में कामकाज ठप रहा। दीपावली के त्योहार से पूर्व हुई हड़ताल के चलते ग्राहक काफी परेशान रहे। जिन्हें हड़ताल के बारे में नहीं पता था वे बैंकों तक पहुंचे लेकिन खाली हाथ लौटना पड़ा। केनरा बैंक पर कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर धरना दिया। कर्मचारी बैंकों के विलय का विरोध कर रहे हैं। हड़ताल से करोड़ों का लेन-देन प्रभावित हुआ है।
एटा, जागरण संवाददाता: बैंक कर्मियों की हड़ताल से बैंकों में कामकाज ठप रहा। दीपावली के त्योहार से पूर्व हुई हड़ताल के चलते ग्राहक काफी परेशान रहे। जिन्हें हड़ताल के बारे में नहीं पता था वे बैंकों तक पहुंचे, लेकिन खाली हाथ लौटना पड़ा। कर्मचारी बैंकों के विलय का विरोध कर रहे हैं। हड़ताल से करोड़ों का लेन-देन प्रभावित हुआ है।
हड़ताल का आह्वान ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन और बैंकिग एंप्लाइज फेडरेशन ने किया है। कर्मचारी बैंकों के विलय रोकने, बैंकों के सुधारों को रोकने, खराब कर्ज वसूली को सुनिश्चित करने, दंडात्मक शुल्कों से ग्राहकों का उत्पीड़न न करने, आजीविका सुरक्षित करने, बैंकों में भर्ती करने आदि की मांग कर रहे हैं। इस बीच केनरा बैंक पर प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी नेता नरेश दिवाकर ने कहा कि सरकार बैंक कर्मियों का उत्पीड़न कर रही है। विलय नीति मंजूर नहीं है। इसका विरोध होता रहेगा। इसके अलावा अंकित यादव ने कहा कि सरकार ने बैंकों के विलय की घोषणा करने से पहले कर्मचारियों को विश्वास में नहीं लिया और उन पर आदेश थोप दिया गया।
इससे कर्मचारियों का शोषण बढ़ेगा, जो हमें किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं। बलवीर सिंह ने कहा कि हमारी छह सूत्री मांगें हैं जिन पर सरकार को ध्यान देना होगा। बैंकों में आज कर्मचारियों की तादाद कम है, यह कर्मचारी पर्याप्त मात्रा में होने चाहिए, तब ही कर्मचारियों का शोषण रुक पाएगा।
इससे पहले कर्मचारियों ने केनरा बैंक की मुख्य शाखा पर धरना भी दिया, जहां कर्मचारी जमकर नारेबाजी कर रहे थे। हड़ताल में पब्लिक सेक्टर की सभी बैंक शामिल रहीं। इस हड़ताल को लेकर उन ग्राहकों को परेशानी हुई, जिनको हड़ताल की जानकारी नहीं थी। वे अपने काम से बैंक पहुंचे, लेकिन बैरंग ही लौट आए। हालांकि बैंकों ने मीडिया, सोशल मीडिया माध्यमों के जरिए पहले ही प्रचारित कर रखा था कि हड़ताल होगी। इस अवसर पर विकास कुमार, अजय मोहन प्रताप, प्रतीक, हरीश, मान सिंह, शिशुपाल, आलोक कुमार, अश्वनी आर्य, चंदन, स्कंद कुमार, महेश वर्मा, सुशील, राजेश, रामगोपाल आदि मौजूद रहे।