पिता के इंतजार में शाम तक रखी रही मासूम का लाश, कलेजे के टुकड़े को जाता देख बार-बार बेसुध हुई मां
गांव बिजौरी में गर्म पानी की बाल्टी में गिरकर 3 वर्षीय आयुष की मौत। शव दोपहर में गांव पहुंचा, लेकिन जयपुर में नौकरी करने वाले पिता मुकेश के शाम पहुंचने तक अंतिम संस्कार रुका। मां प्रीती बार-बार बेसुध, बहनें रोती रहीं; गांववासी सन्न, माहौल गमगीन।
-1762102427195.webp)
जागरण संवाददाता, एटा। गर्म पानी से भरी बाल्टी में गिरकर तीन वर्षीय मासूम आयुष की हुई मौत के बाद उसका शव कई घंटे तक पिता के इंतजार में गांव में रखा रहा। जयपुर से शाम के समय पिता पहुंच पाए, तब अंतिम संस्कार हुआ। इस घटना को सुनकर गांववासी सन्न रह गए।
गांव बिजौरी में मासूम का शव दोपहर एक बजे के बाद पहुंचा। शव पहुंचने के बाद माहौल और ज्यादा गमगीन हो गया। गांव के लोग भी मौके पर एकत्रित हो गए। शाम तक शव पिता के आने के इंतजार में रखा रहा। सबसे ज्यादा बुरा हाल आयुष की मां प्रीती का था। वह बार-बार बेसुध हो रहीं थीं। बहनें भी अपने भाई की याद में बिलख रहीं थीं। आयुष के पिता मुकेश जयपुर की एक प्राइवेट फर्म में काम करते हैं।
घटना वाले दिन भी जयपुर में ही थे
घटना वाले दिन भी वह जयपुर में ही थे। उनके भाई संजय ने उन्हें सूचना दी, तब वे शाम के समय यहां पहुंच पाए और सात बजे मृत बच्चे को दफना दिया गया। बिजली की राड से रविवार सुबह छह बजे पानी गर्म किया गया था और एक घंटे तक वह गर्म होता रहा। इसके बाद बच्चे की मां प्रीती ने राड को निकालकर बाहर रख दिया। सात बजे बच्चा पानी में गिर गया, उस समय राड पानी में नहीं थी वरना बच्चा करंट की चपेट में भी आ सकता था।
जिस समय हादसा हुआ उस समय प्रीती घर का कामकाज कर रहीं थीं, उनकी बेटियों ने उन्हें बताया कि आयुष बाल्टी में गिर गया है, मगर वे जब तक आईं तब तक बच्चा झुलस चुका था। भले ही घटना को लेकर लापरवाही रही हो, लेकिन गांव के लोग कह रहे हैं कि होनी का खेल था। इस घटना को लेकर गांव में जिसने भी सुना वह सन्न रह गया। कभी सोचा भी नहीं था कि इस तरह के हादसे में मासूम की जान चली जाएगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।