यातायात माह : सेहत बिगाड़ रहे धुआं उगलते वाहन
एटा जासं। डीजल और पेट्रोल से चलने वाले सभी वाहन धुआं देते हैं लेकिन जिनका मेन्टीनेंस ठीक न हो वे और काला धुआं उगलते हैं। शहर में सड़कों पर आए दिन ऐसे वाहन देखे जा सकते हैं। जब भी कोई ऐसा वाहन सड़क से गुजरता है तो दम घोटने वाला धुआं फैलता है जिससे पीछे चल रहे लोगों को काफी परेशानी होती है। शहर की सभी सड़कें व्यस्त हैं वाहनों का यह धुआं लोगों की सेहत बिगाड़ रहा है। यातायात माह चल रहा है और अभी तक प्रदूषण का मानक पार कर चल रहे वाहनों की चेकिंग तक शुरू नहीं की गई है। 3500 वाहन ऐसे हैं जो 15 साल पुराने हो चुके हैं।
एटा, जासं। डीजल और पेट्रोल से चलने वाले सभी वाहन धुआं देते हैं, लेकिन जिनका मेन्टीनेंस ठीक न हो वे और काला धुआं उगलते हैं। शहर में सड़कों पर आए दिन ऐसे वाहन देखे जा सकते हैं। जब भी कोई ऐसा वाहन सड़क से गुजरता है तो दम घोटने वाला धुआं फैलता है, जिससे पीछे चल रहे लोगों को काफी परेशानी होती है। शहर की सभी सड़कें व्यस्त हैं, वाहनों का यह धुआं लोगों की सेहत बिगाड़ रहा है। यातायात माह चल रहा है और अभी तक प्रदूषण का मानक पार कर चल रहे वाहनों की चेकिंग तक शुरू नहीं की गई है। 3500 वाहन ऐसे हैं जो 15 साल पुराने हो चुके हैं।
जनपद में छोटे-बड़े 3500 वाहन ऐसे चिह्नित किए गए हैं, जिन्हें खरीदे हुए 15 साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है, फिर भी उन्हें जुगाड़ करके दौड़ाया जा रहा है। ऐसे ही वाहन मानक से ज्यादा धुआं उगलते हैं, जिसका सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ता है। एटा में मुख्य स्थानों पर प्रदूषण मापने के यंत्र तक नहीं हैं। ट्रैफिक पुलिस भी उपकरणों के अभाव में ऐसे वाहनों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाती। जबकि परिवहन विभाग से जुगाड़ करके भी प्रदूषण सर्टिफिकेट आसानी से बड़े वाहनों को मिल जाता है। स्वास्थ्य को हानिकारक कार्बन मोनोऑक्साइड गैस
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वाहनों से निकलने वाले धुएं से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है जो बच्चों और बुजुर्गो के लिए बेहद खतरनाक है। जिला अस्पताल के फिजीशियन डा. एस चंद्रा ने बताया कि बच्चों में एलर्जी और बुजुर्गो को श्वांस संबंधी रोग हो जाते हैं। यह गैस श्वास से लेकर इंसान का लीवर सिस्टम तक प्रभावित करती है। इसीलिए सलाह दी जाती है कि जिस सड़क पर वाहन ज्यादा गुजरते हैं, वहां मास्क लगाकर निकलना चाहिए। यह गैस आंखों पर भी विपरीत असर डालती है। इसीलिए आंखों के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। 2000 वाहनों का पंजीकरण निलंबित
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ऐसे वाहन जिनकी समयावधि पूरी हो चुकी है और फिर भी उन्हें दौड़ाया जा रहा है। इस तरह के 2000 वाहनों का पंजीकरण परिवहन विभाग ने निलंबित कर दिया है। अब यह वाहन अवैध श्रेणी में हैं, लेकिन फिर भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं। निलंबित पंजीकरण का आंकड़ा उन 3500 वाहनों से अलग है जो इस समय 15 वर्ष के बावजूद दौड़ रहे हैं। एआरटीओ प्रशासन हेमचंद्र गौतम ने बताया कि समयावधि पूरी करने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। ऐसे वाहन नहीं चलने दिए जाएंगे। प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का पंजीकरण रद्द किए जाने के निर्देश शासन के हैं।