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यातायात माह : बिना फिटनेस के फर्राटा भर रहे खटारा वाहन

शहर में बिना फिटनेस के तमाम वाहन फर्राटा भर रहे हैं। अनेक चार पहिया गाड़ियां ऐसी हैं जिनकी संचालन अवधि खत्म हो चुकी है लेकिन फिर भी वे दौड़ रहीं हैं। ऐसी गाड़ियां डग्गामारी में अधिक उपयोग की जाती हैं। कभी-कभी हादसे भी हो जाते हैं लेकिन वाहन स्वामी इनके फिटनेस की ओर ध्यान नहीं देते और गाड़ियां धुआं देती हुईं निकल जाती हैं जिसकी वजह से प्रदूषण भी फैलता है। यातायात माह चल रहा है पर बिना फिटनेस के दौड़ रहे वाहनों की ओर पुलिस का ध्यान नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 10:38 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 06:03 AM (IST)
यातायात माह : बिना फिटनेस के फर्राटा भर रहे खटारा वाहन
यातायात माह : बिना फिटनेस के फर्राटा भर रहे खटारा वाहन

एटा, जागरण संवाददाता : शहर में बिना फिटनेस के तमाम वाहन फर्राटा भर रहे हैं। अनेक चार पहिया गाड़ियां ऐसी हैं जिनकी संचालन अवधि खत्म हो चुकी हैं, फिर भी वे दौड़ रहीं हैं। ऐसी गाड़ियां डग्गामारी में अधिक उपयोग की जाती हैं। कभी-कभी हादसे भी हो जाते हैं, लेकिन वाहन स्वामी इनके फिटनेस की ओर ध्यान नहीं देते और गाड़ियां धुआं देती हुई निकल जाती हैं, जिसकी वजह से प्रदूषण भी फैलता है। यातायात माह चल रहा है पर बिना फिटनेस के दौड़ रहे वाहनों की ओर पुलिस का ध्यान नहीं है।

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एआरटीओ दफ्तर से वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र लेने की व्यवस्था है। जब कोई बड़ा हादसा हो जाता है तब जरूर एआरटीओ कार्यालय इस दिशा में सक्रिय होता है और फिटनेस चैक करने के लिए अभियान छेड़ दिया जाता है, लेकिन बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। ऐसा ही इन दिनों हो रहा है। हालांकि परिवहन कार्यालय दो हजार से ज्यादा वाहनों की फिटनेस रिजेक्ट कर चुका है, इसका अर्थ यह हुआ कि यह वाहन चलाने योग्य नहीं हैं। शहर में कई स्थानों से डग्गेमारी होती है। आगरा रोड, शिकोहाबाद रोड, अलीगंज रोड पर ऐसे तमाम खटारा वाहन देखे जा सकते हैं जो ओवरलोड सवारियां लेकर दौड़ते हैं। यात्रियों की जान जोखिम में रहती है, अगर पुलिस के निशाने पर कभी यह वाहन आ भी जाते हैं तो सिर्फ चालान ही कर दिया जाता है, इससे आगे कोई कार्रवाई नहीं होती। जबकि नियम यह है कि बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के चारपहिया वाहन चला नहीं सकते। इस वर्ष परिवहन कार्यालय से 400 के लगभग फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किए गए, यह सभी वाहन 15 साल के अंदर खरीदे गए हैं। जो 15 साल से पूर्व के वाहन हैं उन्हें हर साल फिटनेस जांच कराने का नियम है। दूसरी तरफ पुलिस के पास फिटनेस जांच कराने की कोई व्यवस्था नहीं है, जबकि एटा शहर में ही 200 से ज्यादा गाड़ियां बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के चल रहीं हैं।


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